1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन संबंधी दस्तावेजों का रखरखाव आईटी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. एक बयान में कहा गया है कि व्हीकल डॉक्युमेंट्स के निरीक्षण के दौरान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वैध पाए गए व्हीकल डॉक्युमेंट्स के बदले फिजिकल डॉक्युमेंट्स की मांग नहीं की जाएगी. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा अयोग्य या निरस्त किए गए ड्राइविंग लाइसेंस का विवरण पोर्टल में रिकॉर्ड किया जाएगा और इसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा.
इस बात का भी प्रावधान है कि वाहन चलाते समय हाथ में संचार उपकरणों का उपयोग केवल रूट नेविगेशन के लिए इस तरह से किया जाएगा कि वाहन चलाते समय चालक की एकाग्रता भंग न हो. हालांकि, ड्राइविंग करते समय मोबाइल से बात करने पर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
दूर होगा उत्पीड़न
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा कि उसने मोटर वाहन नियम 1989 में किए गए विभिन्न संशोधनों के बारे में अधिसूचना जारी की है, जिसमें मोटर वाहन नियमों की बेहतर निगरानी और क्रियान्वयन के लिए एक अक्टूबर 2020 से पोर्टल के माध्यम से वाहन संबंधी दस्तावेजों और ई-चालान का रखरखाव किया जा सकेगा. आईटी सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के उपयोग से देश में यातायात नियमों को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा और इससे वाहन चालकों का उत्पीड़न दूर होगा व नागरिकों को सुविधा होगी.
सब कुछ होगा पोर्टल पर रिकॉर्ड
फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक रूप से सर्टिफिकेट प्राप्त करने और उपलब्ध कराने की प्रक्रिया के लिए प्रावधान किए गए हैं. इस तरह के दस्तावेजों की वैधता, उन्हें जारी किया जाना, उनके निरीक्षण की तारीख व समय की मुहर और अधिकारी की पहचान पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी. इससे वाहनों की अनावश्यक दोबारा जांच या निरीक्षण में मदद मिलेगी और आगे चलकर वाहन चालकों को परेशानी से मुक्ति मिलेगी.
यह प्रावधान किया गया है कि यदि प्रवर्तन अधिकारी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दस्तावेजों के विवरण को वैध पाया जाता है, तो निरीक्षण के लिए ऐसे दस्तावेजों की प्रत्यक्ष रूप से मांग नहीं की जाएगी. इसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं जिनमें दस्तावेजों की किसी भी तरह की जब्ती आवश्यक हो.