भारतीय स्टेट बैंक (SBI), RBI के निर्देशों के अनुरूप लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी पेश कर चुका है. इसका मकसद कोविड19 (COVID-19) के प्रतिकूल प्रभाव से रिटेल कर्जदारों को राहत उपलब्ध कराना है. लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी के अवरोधरहित क्रियान्वयन के लिए SBI ने सोमवार को एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया. इस पोर्टल के जरिए ग्राहक घर या ऑफिस में बैठकर या किसी भी जगह से अपनी सुविधानुसार लोन्स की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अपनी पात्रता चेक कर सकते हैं.
RBI (Reserve Bank of India) के लोन रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क के तहत वे कर्जदार लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए पात्र हैं, जिनके लोन अकाउंट स्टैंडर्ड श्रेणी में आते हैं, जिन्होंने लोन पेमेंट में 1 मार्च 2020 तक 30 दिन या इससे ज्यादा की अवधि का डिफॉल्ट नहीं किया है और जिनकी आय कोविड19 से प्रभावित हुई है.
कैसे उठा सकते हैं फायदा
पोर्टल में लॉग इन करने के बाद SBI के रिटेल ग्राहकों को खाता संख्या डालने के लिए कहा जाएगा. ओटीपी वैलिडेशन पूरा होने और कुछ जरूरी जानकारियां डालने के बाद ग्राहक को लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर अपनी पात्रता का पता चल सकेगा और उसे रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा. यह रेफरेंस नंबर 30 दिन तक मान्य रहेगा और इस समयावधि में ग्राहक जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बैंक ब्रांच में जा सकता है. लोन रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन और ब्रांच/सीपीसी में सिंपल डॉक्युमेंट के एग्जीक्यूशन के बाद पूरी होगी.
SBI में रिटेल व डिजिटल बैंकिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर सीएस सेटी ने उम्मीद जताई कि इस पोर्टल के लॉन्च से ग्राहक लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर बैंक ब्रांच में जाने से पहले घर बैठे आसानी से अपनी पात्रता चेक कर सकेंगे. लोन रिस्ट्रक्चरिंग के आवेदन को मंजूर कर लिए जाने की जानकारी ग्राहक को SBI ब्रांच/सीपीसी द्वारा भेज दी जाएगी.