Paytm removed from Google Play Store: डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम (Paytm) का कहना है कि भारत में कैशबैक कैंपेन वैध होने के बाद भी गूगल (Google) ने उसे कैशबैक की पेशकश हटाने के लिये बाध्य किया. पेटीएम ने एक ब्लॉग पोस्ट में यह आरोप लगाया है कि गूगल की भुगतान सेवा ‘गूगल पे’ (GPay) क्रिकेट पर आधारित इसी तरह की पेशकश खुद ही कर रही है. बता दें कि गूगल ने IPL क्रिकेट टूर्नामेंट से पहले 18 सितंबर के पॉलिसी अपडेट के बाद पेटीएम के ऐप को अपने ऐप स्टोर ‘प्ले स्टोर’ (Play Store) से कुछ समय के लिये हटा दिया था. पेटीएम का ऐप वापस प्ले स्टोर पर तब आ पाया था, जब उसने क्रिकेट से संबंधित एक फीचर से कैशबैक की सुविधा को वापस ले लिया था.
दरअसल पेटीएम ने 11 सितंबर को कैंपेन ‘Paytm Cricket League’ लॉन्च किया था, जहां यूजर UPI कैशबैक जीतने के लिए क्रिकेट स्टीकर्स कलेक्ट कर सकते थे और स्क्रैच कार्ड हासिल कर सकते थे. ऑफर रिचार्ज, यूटिलिटी पेमेंट्स, यूपीआई मनी ट्रान्सफर और पेटीएम वॉलेट में पैसे एड करने पर लागू था. 18 सितंबर को सुबह 11.30 बजे कंपनी को गूगल प्ले सपोर्ट की ओर से पहली ईमेल मिली, जिसमें सूचना दी गई कि पेटीएम एंड्रॉयड ऐप को डीलिस्ट कर दिया गया है.
ईमेल में लिखा था, ‘आपका ऐप ऐसा कंटेंट रखता है, जो गैंबलिंग पॉलिसी का अनुपालन नहीं करता. यह लॉयल्टी प्वॉइंट्स वाले गेम्स की पेशकश करता है, जो रियल मनी परचेज के जरिए इकट्ठे किए जाते/बढ़ते हैं और इन्हें वास्तविक दुनिया की मॉनेटरी वैल्यू के आइटम्स या इनामों के लिए एक्सचेंज किया जा सकता है.’ पेटीएम के मुताबिक, यह पहली बार था जब गूगल ने कंपनी को यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड कैंपेन को लेकर नोटिफिकेशन भेजा.
पक्ष रखने का नहीं दिया गया मौका
पेटीएम ने आरोप लगाया कि उसे गूगल ने अपनी आपत्तियों का जवाब देने या विचार सामने रखने का कोई अवसर नहीं दिया. अचानक से यूपीआई कैशबैक को ऑनलाइन कसीनो करार दे दिया गया. पेटीएम ने अपने ब्लॉग में कहा, “हम मानते हैं कि हमारा प्रचार अभियान दिशानिर्देशों के भीतर था और हमने कोई उल्लंघन नहीं किया था. यह किसी भी तरह से जुए से संबंधित नहीं था.”
वापस लिस्ट होने के लिए माननी पड़ीं शर्तें
पेटीएम ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उसे एंड्रॉयड प्ले स्टोर पर वापस जगह पाने के लिये यूपीआई कैशबैक व स्क्रैच कार्ड सुविधा को हटाने के गूगल के प्रावधान को मानने के लिये बाध्य किया गया. कंपनी ने कहा, ‘‘भारत में कैशबैक व स्क्रैच कार्ड, दोनों ही पेशकश वैध है और सरकार के सभी नियमों व कानूनों का पालन करते हुए कैशबैक की सुविधा दी जा रही है.’’ पेटीएम ने यह भी कहा कि गूगल प्ले स्टोर की नीतियां भेदभाव वाली हैं और परोक्ष तौर पर बाजार में गूगल का एकाधिकार स्थापित करने के लिये बनायी गयी हैं. पेटीएम को इस भेदभावपूर्ण नीति का अनुसरण करने के लिये बाध्य किया गया.
अपने ऐप्स के लिए Google के अलग नियम
पेटीएम के मुताबिक, गूगल पे ने खुद ही तेज शॉट्स मुहिम की शुरुआत की है. इस मुहिम में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि एक लाख रुपये तक का निश्चित इनाम पाने के लिये रन बनायें. गूगल पे ने भी इसे क्रिकेट सत्र की शुरुआत के समय पेश किया है. तेज शॉट्स गेम को यूजर जितनी मर्जी उतनी बार खेल सकता है और उसे हर माइलस्टोन पर वाउचर्स मिलते हैं. अंत में यूजर लकी ड्रॉ के लिए क्वालिफाई करता है, जिसके जरिए उन्हें क्वालिफाइंग अमाउंट के साथ 1 लाख रुपये तक के निश्चित टिकट मिलते हैं. 50 से लेकर 1000+ के विभिन्न स्कोर्स पर यूजर को विभिन्न सर्विसेज पर रिवॉर्ड व डिस्काउंट दिए जाते हैं, जिन्हें वे गूगल पे ऐप से हासिल कर सकते हैं.
पेटीएम ने आगे कहा कि शायद गूगल पे के ऐसे कैशबैक कैंपेन प्ले स्टोर पॉलिसीज के उल्लंघन के दायरे में न आते हों या हो सकता है आते हों, लेकिन गूगल के अपने ऐप्स के लिए अलग नियम लागू होते हैं. यूपीआई कैशबैक कैंपेन के कारण पेटीएम ऐप को डीलिस्ट करने का गूगल का हालिया एक्शन अनुचित है. हम फिर कहते हैं कि हमारा कैशबैक कैंपेन दिशानिर्देशों के तहत था और कोई उल्लंघन नहीं हुआ था.