कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते बेरोजगार हुए लोगों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (Atal Beemit Vyakti Kalyan Yojana) के तहत राहत बढ़ाने के फैसले को अधिसूचित कर दिया है. सरकार ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए समयावधि को बढ़ा कर 30 जून 2021 कर दिया है. इससे कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में रजिस्टर्ड कामगारों को 50% अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट मिलेगा. सरकार के इस फैसले से 40 लाख से ज्यादा कामगारों को फायदा होगा.
इन लोगों को मिलेगा स्कीम का लाभ
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत रोजगार खोने वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलती है. यह एक तरह से बेरोजगारी भत्ता होता है, जिसका लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है जो ESI स्कीम के तहत कवर हैं. यानी उनके मासिक वेतन में से ESI अंशदान कटता हो.
औसत वेतन के 50 फीसदी के बराबर मिलेगा
सरकार ने नियमों के अनुसार कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को तीन महीने तक 50 फीसदी सैलरी अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट के रूप में दिया जाएगा. यह फायदा उन कामगारों को मिलेगा जिनकी इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर के बीच नौकरी चली गई हो. पहले इस स्कीम को 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाया गया था लेकिन अब इसका फायदा जून 2021 तक लिया जा सकेगा. 23 मार्च 2020 को या उससे पहले और 1 जनवरी 2021 को या उसके बाद बेरोजगार हुए बीमित व्यक्तियों के लिए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना की वास्तविक पात्रता शर्तें लागू होंगी.
ये व्यक्ति नहीं उठा सकते स्कीम का फायदा
भले ही कोई व्यक्ति ESIC से बीमित हो, लेकिन किसी गलत व्यवहार की वजह से उसे कंपनी से निकाला गया हो, व्यक्ति पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, या अगर व्यक्ति ने रिटायरमेंट की तारीख से पहले रिटायरमेंट (VRS) लिया हो तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
स्कीम का लाभ लेने की शर्तें
बीमित व्यक्ति ने नौकरी जाने से पहले कम से कम 2 साल नौकरी की हो और अंशदान की अवधि में कम से कम 78 दिन अंशदान किया हो. पीड़ित व्यक्ति को क्लेम नौकरी जाने के लिए 30 दिन के अंदर करना होगा. इसके लिए क्लेम फॉर्म को सीधे ESIC ब्रांच कार्यालय को ऑनलाइन सबमिट किया जा सकता है. इसके साथ ही ESIC की वेबसाइट पर जाकर अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म मिलने के 15 दिन के अंदर क्लेम का पैसा बीमित व्यक्ति के बैंक खाते में आ जाएगा. व्यक्ति की पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल होगा.