मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स एंगल सामने आने पर बॉलीवुड की ‘पंगा’ गर्ल कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बेबाक बयान दिया था. उसके बाद से तेजी से बदलते घटनाक्रम में वे अपने बयानों के कारण लगातार सुर्खियों में हैं. उन्होंने जब से बॉलीवुड में कई एक्टर्स के ड्रग्स लेने की बात कही है, तब से उनकी बॉलीवुड के कई एक्टर के साथ जुबानी जंग हो हो रही है. इस बार फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की कंगना रनौत से बहस हो गई है. कंगना के एक ट्वीट पर अनुराग ने जवाब दिया और इसके बाद ट्विटर दोनों में जंग शुरू हो गई.
कंगना रनौत ने ट्वीट में लिखा था, ‘मैं एक क्षत्राणी हूं. सर कटा सकती हूं, लेकिन सर झुका सकती नहीं! राष्ट्र के सम्मान के लिए हमेशा आवाज़ बुलंद करती रहूंगी. मान, सम्मान, स्वाभिमान के साथ जी हूं और गर्व से राष्ट्रवादी बनकर जीती रहूंगी! सिद्धांत के साथ नहीं कभी समझौता की हूं नहीं कभी करूंगी! जय हिंद.’
कंगना के इस ट्वीट कोट कर अनुराग कश्यप ने लिखा- ‘बस एक तू ही है बहन- इकलौती मणिकर्णिका. तू ना चार पांच को ले के चढ़ जा चीन पे. देखो कितना अंदर तक घुस आए हैं. दिखा दे उनको भी कि जब तक तू है इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता. तेरे घर से एक दिन का सफर है बस LAC का. जा शेरनी. जय हिंद.’
अनुराग के मजा लेने के बाद कंगना फिर अपने चिर परिचित तेवर में आ गईं. उन्होंने अनुराग के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, ठीक है मैं बॉर्डर पे जाती हूं आप अगले ओलिम्पिक्स में चले जाना, देश को गोल्ड मडेल्स चाहिए. हा हा हा यह सब कोई बी ग्रेड फिल्म नहीं है जहां कलाकार कुछ भी बन जाता है, आप तो मेटफॉर्ज को लिटरली लेने लगे. इतने मंदबुद्धि कब से हो गए, जब हमारी दोस्ती थी तब तो काफी चतुर थे.
इंडिया टुडे चैनल से बातचीत में उर्मिला ने कंगना के बारे में कहा कि ‘आप पिछले 10 सालों से ज्यादा वक्त से जिस इंडस्ट्री में काम कर रही हैं, अचानक आपको इंडस्ट्री के हर किसी से समस्या क्यों होने लगी? आपको यह निर्णय करना होगा कि क्या आप लगातार विक्टिम कार्ड खेलते हुए बिना रूके कहना चाहती हैं, मैं तो विक्टिम हूं, विक्टिम हूं, विक्टिम हूं.’
उर्मिला को ’सॉफ्ट पोर्न स्टार’ कहने समेत उनकी विस्फोटक टिप्पणियों के समय पर सवाल उठाते हुए मातोंडकर ने कंगना रनौत से कहा, ‘आज जो कुछ भी आपको मिला है – नाम, शोहरत और पैसा – यह सब मुंबई और फिल्म उद्योग की बदौलत है. ऐसा क्यों है कि आपने पिछले कुछ सालों में इन चीजों के बारे में आपने कुछ नहीं बोला और पिछले कुछ महीनों में ही यह सब बोल रही हैं? यह सब बोलने का समय बहुत फनी लग रहा है. लगता है कि सब कुछ थोड़ा निडर होकर कहा जा रहा है.’