नई दिल्लीः कोरोना का डर अभी तक खत्म नहीं हुआ था कि अब इस मुसीबत को बढ़ाने के लिए प्रदूषण ने भी वापसी कर ली है. हवा की गुणवत्ता एक बार फिर कोरोना काल से पहले वाले दौर में लौट गई है. बताया जा रहा है कि ये हवा प्रदूषण कोरोना के खतरे को भी बढ़ा सकती है. ऐसे में आपको आज से ही सावधान होने की जरूरत है. साफ नीले आसमान के दिन जाने वाले हैं. क्योंकि अब दिल्ली धुएं की चादर साफ देखी जा सकती है. सर्दियां भले ही अभी दूर हों लेकिन प्रदूषण ने राजधानी में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
दिल्ली में प्रदूषण भी अनलॉक होता नजर आ रहा है. मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 के बीच भारत समेत पूरी दुनिया में साफ आसमान, खूबसूरत इंद्रधनुष और शुद्ध-शीतल हवा देखने को मिली लेकिन अनलॉक के साथ ही लोग सड़कों पर लौट आए.
कोरोना और प्रदूषण दोनों ही फेफड़ों के लिए खतरनाक
गाड़ियों ने सड़कों पर दौड़ना शुरू कर दिया तो वहीं फैक्ट्रियों में भी काम चालू होने लगा है. ऐसे में यहां की हवा की गुणवत्ता प्रदूषित हो चुकी है जिससे लोगों का दम घुटने लगा है. जानकारी के लिए बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 50 से नीचे रहे तो उसे सांस लेने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन एनसीआर में अब ये स्तर ग्रीन ज़ोन से मॉडरेट लेवल पर पहुंच गया है.
दिल्ली में एक्यूआई का लेवल 100 से 200 के बीच चल रहा है. लॉकडाउन के समय मई में एयर क्वालिटी लेवल 35 तक नज़र आया था. इस मामले को लेकर मैक्स अस्पताल के श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक नांगिया ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
उन्होंने कहा, ”जाहिर है कोरोना के खतरे पर जी रहे लोगों के लिए प्रदूषण से सामना इस बार आसान नहीं होगा. कोरोना और प्रदूषण दोनों ही फेफड़ों के लिए खतरनाक होते हैं. कोरोना और प्रदूषण दोनों हवा में एक साथ मौजूद होंगे तो मास्क की अहमियत और बढ़ जाएगी. ऐसे में डॉक्टर यही सलाह दे रहे हैं कि आपको अपनी सेहत का दोहरा ख्याल रखना होगा”.
डॉक्टर ने बताया कि ”अगर आपकी सांस की नली पर प्रदूषण से बुरा असर पड़ा तो कोरोना का खतरा भी आपके लिए बढ़ जाएगा. इसलिए आप मास्क लगाने के साथ साथ अपने गले का खास ख्याल रखें. हर वक्त गुनगुना पानी पिएं. ठंडी चीजों से दूर रहें. सर्दियों में काढ़ा दिन में कम से कम दो बार पिएं. योग और प्राणायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं. सांस की बीमारियों वाले मरीज ज्यादा प्रदूषण होने पर बाहर ना निकलें.”