गूगल (Google) ने नए वेरिफाइड कॉल्स (Verified Calls) फीचर की घोषणा की है. इसकी मदद से जेनुइन बिजनेस कॉल्स का पता लग सकेगा. यह कोशिश फोन फ्रॉड पर लगाम लगाने की दिशा में है. Verified Calls फीचर एंड्रॉयड डिवाइसेज पर Phone ऐप का हिस्सा बनाया गया है. गूगल के इस फीचर के आने से TrueCaller ऐप को टक्कर मिलने की संभावना है.
गूगल की पिक्सल सीरीज डिवाइसेज के अलावा ढेरों एंड्रॉयड फोन्स में Google Phone ऐप इन बिल्ट होता है. इस सप्ताह के आखिर से Phone ऐप कई अन्य एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होगा. यानी अगर आपके फोन में यह नहीं है तो इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं.
कॉल की वजह भी शो होगी
भारत समेत दुनियाभर में फ्रॉड कॉल्स बड़ी समस्या है. गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि Verified Calls फीचर कॉलर की पहचान, वेरिफिकेशन सिंबल (ब्लू शील्ड में व्हाइट टिक) के साथ-साथ कॉल करने की वजह को भी शो करेगा. यह फीचर भारत, स्पेन, ब्राजील, मेक्सिको और यूएस समेत दुनियाभर में रोलआउट किया जा रहा है. गूगल के मुताबिक, स्पैम व स्कैम कॉल्स बिजनेसेज पर विश्वास को नुकसान पहुंचाती हैं और कंज्यूमर्स पर कॉस्ट बढ़ाती हैं. 2019 की एक FTC रिपोर्ट से सामने आया कि स्कैमर्स के लिए लोगों से कॉन्टैक्ट करने का पहला रास्ता फोन कॉल्स होती हैं.
TrueCaller से एक कदम आगे
गूगल का वेरिफाइड कॉल्स फीचर, ट्रूकॉलर ऐप से एक कदम आगे है. ट्रूकॉलर कॉल की वजह नहीं शो करता. हालांकि फिर भी ट्रूकॉलर, वेरिफाइड कॉल्स फीचर का प्रमुख प्रतिद्वंदी होगा. गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में यह भी कहा कि यह फीचर सिक्योर तरीके से डिटेल डिस्प्ले करेगा. गूगल वेरिफिकेशन के बाद व्यक्तिगत पहचान संबंधी कोई भी जानकारी स्टोर या कलेक्ट नहीं करती.