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1 अक्टूबर से सरकारी बैंक घर बैठे देंगे डिमांड ड्राफ्ट समेत ये सभी सेवाएं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की शुरुआत

नई दिल्‍ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस (Doorstep Banking Service) लॉन्च कर दी है. इससे ग्राहकों को घर बैठे-बैठे ही कई तरह की बैंकिंग सेवाएं (Banking Services) मिलनी शुरू हो जाएंगी. केंद्र सरकार (Central Government) ने यह पहल वित्तीय सेवा विभाग (DFS) की ओर से 2018 में पेश किए गए एन्‍हांस्‍ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस सुधारों (EASE Reforms) के तहत की है.

अक्‍टूबर 2020 से घर बैठे मिलेंगी वित्‍तीय सेवाएं भी
बैंक ग्राहकों को अभी घर बैठे-बैठे चेक, डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर पिक करने जैसी गैर-वित्‍तीय सेवाएं (Non-Financial Services) ही मिलती हैं. इसके अलावा एफडी के ब्‍याज पर लगने वाला टैक्‍स बचाने के लिए जमा किए जाने वाले फॉर्म-15G व 15H, आयकर या जीएसटी चालान पिक करने के साथ ही अकाउंट स्टेटमेंट रिक्वेस्ट, टर्म ​डिपॉजिट रसीद की डिलीवरी की सुविधा भी ग्राहकों को घर पर ही उपलब्‍ध कराई जाती है. डोरस्‍टेप बैंकिंग सर्विस लॉन्‍च होने के बाद अब वित्तीय सेवाएं अक्टूबर 2020 से घर पर ही उपलब्ध होंगी.

‘डोरस्‍टेप बैंकिंग एजेंट्स उपलब्‍ध कराएंगे घर बैठे सुविधा’

सरकारी बैंकों के ग्राहक मामूली शुल्‍क (Charges) देकर वित्‍तीय सेवाओं को भी घर बैठे हासिल कर सकेंगे. ​अब सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) और दिव्यांग (Handicapped) समेत सभी ग्राहक डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस का लाभ ले सकेंगे. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा कि सरकारी बैंकों की डोरस्टेप बैंकिंग सेवा में ग्राहक सुविधा शीर्ष प्राथमिकता होगी. ग्राहकों को कॉल सेंटर के यूनिवर्सल टच प्वॉइंट्स, वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिये घर पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी. इन्हें देश में 100 केंद्रों पर ​चुनिंदा सर्विस प्रोवाइडर्स की ओर से नियुक्त किए गए डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट्स उपलब्ध कराएंगे.

‘बैंक कर्ज बांटने और उससे पैसा कमाने का काम ना भूलें’
डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस को लॉन्च करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को उबारने में बैंकों की भूमिका उत्प्ररेक की होगी. बैंकों को अपने काम पर फिर से विचार करने और ग्राहकों के कल्याण पर ध्यान देने की जरूरत है. बैंकों को अपना मूल काम नहीं भूलना चाहिए, जो लोगों को कर्ज देना और उससे पैसा कमाना है. यह पूरी तरह से कानून के मुताबिक है. साथ ही सरकारी बैंक होने के नाते आपको कुछ काम जनकल्याण का भी करना चाहिए, जो सरकार की घोषणाओं से जुड़ा हो. सीतारमण ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों की भी जिम्मेदारी है कि वे सरकारी योजनाओं को लागू करें.

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