नई दिल्ली/लद्दाख. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में (Jammu-Kashmir Ladakh) भारत और चीन के बीच तनाव (India-China Border Tension) बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार देर रात पैंगॉन्ग त्सो (Pangong Tso) झील पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है. चीन की सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारतीय सैनिकों पर पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया है. हालांकि, सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में पहले फायरिंग की गई, जिसके बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई हुई. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है. खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है.
चीनी रक्षा मंत्रालय, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की ओर से एलएसी पर ताजा हालात को लेकर बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित ‘उकसावे’ की कार्रवाई की गई, जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई हुई.
चीनी मीडिया के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि जब चीनी सेना की पेट्रोलिंग पार्टी भारतीय जवानों से बातचीत करने के लिए आगे बढ़ी, तो उन्होंने जवाब में वॉर्निंग शॉट फायर किए. अभी तक चीन के इस बयान पर भारत सरकार या भारतीय सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
चीन को खटक रहा है ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप
सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि ‘वार्निंग शॉट्स’ फायर किए गए थे. चीन की नजर हमारे ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप पर है. सीमा पर तैनात जवान तब से हाई अलर्ट पर हैं, जब से चीन की ओर से इन दोनों चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की है. हमारे जवानों ने इन दोनों चोटियों को पूरी तरह से नियंत्रण में ले रखा है. इससे खुन्नस खाए चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.
सेना ने पैंगॉन्ग त्सो झील इलाके में अहम चोटी पर किया था कब्जा
29-30 अगस्त की रात चीन की साजिशों को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक अहम चोटी पर वापस कब्जा कर लिया था. यह रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है. यहां से चीनी सैनिक कुछ मीटर की दूरी पर ही हैं. बताया जाता है कि 9-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने इस चोटी पर कब्जे की साजिश रची थी, लेकिन भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन बटालियन ने उन्हें तुंरत पीछे खदेड़ दिया था.
LAC पर 5 जून से बरकरार है तनाव
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार है. दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते 5 जून को गलवान घाटी में बड़ी हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी भारी नुकसान हुआ था. अंतराराष्ट्रीय मीडिया में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 से 40 सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन ने अब तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई. तब से दोनों ओर से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश जारी है.