नई दिल्ली. एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) ने एक ऐसा इंवेस्टमेंट प्लान लॉन्च किए है, जिसमें निवेश करने के बाद आप बच्चों की एजुकेशन से लेकर शादी तक की चिंता से मुक्त हो सकते हैं. इस इंवेस्टमेंट प्लान को सब्सक्रिप्शन के लिए 8 सितंबर को खोला जाएगा और 22 सितंबर को बंद कर दिया जाएगा. एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 7 सितंबर को ‘एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड इंवेस्टमेंट ऑप्शन’ (SBI Magnum Children’s Benefit Fund-Investment Option) लॉन्च कर दिया है. इस फंड में किए गए निवेश पर 5 साल की लंबी अवधि में 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद है.
आपकी पूंजी का 100% हिस्सा ईटीएफ में किया जा सकता है निवेश
चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड Open Ended Fund है, जिसमें निवेश कर पेरेंट्स अपने बच्चों की भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश कर सकते हैं. यह एक सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड है. ये फंड आपकी पूंजी का कम से कम 65 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक इक्विटी एक्सचेंज्ड ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेश करेगा. निवेश का 35 फीसदी तक हिस्सा इंटरनेशनल इक्विटी (International Equities) और 20 फीसदी गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में निवेश किया जा सकता है. डेट फंड (Debt Funds) में निवेश के लिए ये ट्रिपल-ए रेटेड सिक्योरिटी में पैसा लगाएगा. वहीं, 10 फीसदी हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड में लगा सकता है.
पांच साल या बच्चे के 18 साल के होने तक रहेगा लॉक-इन पीरियड
‘एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड इंवेस्टमेंट ऑप्शन’ का लॉक-इन पीरियड (Lock-In Period) पांच साल का है. आसान शब्दों में समझें तो इस फंड में किए गए निवेश को पांच साल (5 years) या बच्चे के 18 साल के होने तक नहीं निकाला जा सकता है. हालांकि, अगर बच्चा पांच साल का लॉक-इन पीरियड पूरा होने से पहले ही 18 साल का हो जाता है तो फंड से पैसे निकाले जा सकते हैं. इसे कुछ इस तरह समझा जा सकता है. मान लीजिए आपने बच्चे के 15 साल के होने पर इस फंड में निवेश किया तो लॉक-इन पीरियड पांच साल नहीं तीन साल का ही होगा. इसमें किए गए निवेश को आप जब तक चाहें फंड में रहने दे सकते हैं.
बच्चे या बच्चे के साथ ज्वाइंट अकाउंट से किया जा सकता है निवेश
एसबीआई का ये नया फंड 1 से लेकर 14 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए शानदार है. इससे निवेश पर लंबी अवधि पर मिलने वाले फायदे उपलब्ध रहेंगे. कोई भी पेरेंट बच्चे के अकाउंट या बच्चे के साथ ज्वाइंट अकाउंट से इस फंड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद माता-पिता (Parents) निवेश को बच्चे के 18 साल के होने तक मैनेज करेंगे. इसके बाद अकाउंट फ्रीज (Freeze) हो जाएगा. जब बच्चा केवाईसी (KYC) की प्रक्रिया पूरी कर लेगा तो अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा. इसके बाद बच्चा खुद इस स्कीम के लिए म्यूचुअल फंड फोलियो को ऑपरेट कर सकता है.
पूरी पूंजी ईटीएफ में निवेश करने पर लगेगा कैपिटल गेंस टैक्स
एसबीआई म्यूचुअल फंड के एमडी व सीईओ विनय टोंस ने कहा कि पेरेंट्स को इस स्कीम में निवेश करने से बच्चों के भविष्य की चिंता से निजात मिल जाएगी. स्कीम के लिए अधिकतम एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) एसेट्स का 2.25 फीसदी रखा गया है. इस स्कीम में डिविडेंड ऑप्शन नहीं है. इसमें निवेशकों को सिर्फ ग्रोथ ऑप्शन मिलेगा. एसबीआई चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड में 100 फीसदी तक इक्विटी में निवेश का विकल्प है. ऐसे में अगर एक साल से कम समय में पैसा निकाला जाता है तो 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेंस टैक्स (Capital Gains Tax) लगेगा. वहीं, लंबी अवधि तक पैसे नहीं निकालने पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा.
इंटरनेशनल इक्विटी और गोल्ड में निवेश का फैसला फंड मैनेजमेंट टीम लेगी
चिल्ड्रंस बेनिफिट फंड 35 फीसदी पूंजी इंटरनेशनल इक्विटीज, 20 फीसदी गोल्ड और 10 फीसदी रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स में निवेश की छूट देता है. एसबीआई म्यूचुअल फंड में इक्विटी के प्रमुख आर. श्रीनिवासन ने बताया कि इंटरनेशल इक्विटी और गोल्ड में निवेश को लेकर पहले कुछ भी तय नहीं होगा. इनमें निवेश का फैसला फंड मैनेजमेंट टीम करेगी. ये फंड इक्विटी और गोल्ड के साथ ही डेट फंड में निवेश की भी मंजूरी देता है. इसके लिए ट्रिपल-ए रेटेड डेट (AAA-Rated Debt) पर फंड मैनेजर का जोर रहेगा.