नई दिल्लीः लॉकडाउन के समय में हवाई जहाज में यात्रा करने के लिए बुक की गई टिकटों की पूरी राशि यात्रियों को वापस मिलेगी. यह जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही है. लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए एयरलाइनों द्वारा 15 दिनों के भीतर पूरी राशि वापस दी जानी चाहिए और यदि कोई एयरलाइन वित्तीय संकट में है और ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे 31 मार्च, 2021 तक यात्रियों की पसंद का यात्रा क्रेडिट शेल प्रदान किया जाना चाहिए. घरेलू, अंतरराष्ट्रीय और विदेशी एयरलाइनों में लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए पूर्ण राशि वापस करने का प्रस्ताव दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में नागर विमानन के निदेशक ओ.के. गुप्ता ने कहा कि घरेलू एयरलाइनों के लिए यदि टिकटों को सीधे एयरलाइन या एक एजेंट के माध्यम से लॉकडाउन अवधि दौरान 25 मार्च-3 मई के बीच में यात्रा करने के लिए बुक किया गया था, तो ऐसे सभी मामलों में, एयरलाइंस द्वारा तुरंत पूरा रिफंड दिया जाएगा.
15 दिनों में देना होगा रिफंड
हलफनामे में कहा गया है कि अन्य सभी मामलों के लिए एयरलाइंस 15 दिनों के भीतर यात्री को एकत्रित राशि वापस करने के लिए सभी प्रयास करेगी. यदि वित्तीय संकट के कारण एयरलाइंस ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे एकत्र किए गए किराये की राशि के बराबर यात्री को क्रेडिट शेल प्रदान करेंगे. यह क्रेडिट शेल उस यात्री के नाम से जारी किया जाएगा, जिसने टिकट बुक किया है. यात्री अपनी पसंद के किसी भी मार्ग पर 31 मार्च, 2021 तक क्रेडिट शेल का इस्तेमाल करने में सक्षम होगा.
केंद्र ने कहा कि क्रेडिट शेल के उपभोग में देरी होने पर यात्री को क्षतिपूर्ति देने के लिए इंसेन्टिव मैकेनिज्म होगा, जैसे 30 जून, 2020 तक टिकट रद्द होने की तारीख से, क्रेडिट शेल के मूल्य (पहले ली गई टिकट के मूल्य) में 0.5 फीसदी की वृद्धि होगी.
यात्री कर सकता है क्रेडिट शैल को ट्रांसफर
हलफनामे में आगे कहा गया है कि इसके बाद क्रेडिट शेल के मूल्य को मार्च 2021 तक प्रति माह अंकित मूल्य के 0.75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा. क्रेडिट शेल ट्रांसफर भी किया जा सकेगा. यात्री क्रेडिट शेल किसी भी व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकता है और एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर का सम्मान करेगी. एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर की सुविधा के लिए एक मैकेनिज्म तैयार करेगी. वहीं मार्च 2021 के अंत तक एयरलाइन क्रेडिट शेल धारक को नकद वापस कर देगी.
केंद्र ने कहा कि यह समाधान व्यावहारिक है, क्योंकि यह यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइंस के हितों को संतुलित करता है. उन्होंने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इसके कार्यान्वयन के लिए एक उपयुक्त आदेश पारित करने का आग्रह भी किया.