COVID-19 Health Insurance Policy: दुनिया भर में कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है. भारत में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जहां इसकी रोकथाम सबसे बड़ी चिंता है, वहीं बहुत से लोग इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि अगर वे वायरस से संक्रमित हो जाते हैं, तो क्या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना के इलाज का खर्च कवर होता है या नहीं. जहां आपने अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को सोच समझकर खरीदा है, यह उम्मीद करते हुए कि इसमें सभी स्वास्थ्य संबंधी चीजों को कवर किया जाएगा, यह चेक करना महत्वपूर्ण है कि आपके पास क्या स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मौजूद है, जिसमें आपके अस्पताल में भर्ती होने पर बेनेफिट्स मिलें. आइए जानते हैं कि आपको यह जानने के लिए क्या चेक करना है.
सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कॉम्प्रिहैन्सिव नहीं
सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कॉम्प्रिहैन्सिव नहीं होती हैं. कुछ पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी हैं, कुछ फिक्स्ड बेनेफिट प्लान हैं. इसके अलावा कुछ कई बीमारियों को लेकर विशेष होती हैं. और कुछ पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने पर हर दिन के लिए निश्चित राशि मिलती है. इन स्थिति में ये पॉलिसी आपके सभी खर्चों का ध्यान नहीं रखेंगी.
अगर आपके पास एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है, जो अस्पताल में भर्ती होने के बेनेफिट्स को कवर करती है, तो आपको कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए. इंश्योरेंस रेगुलेटर ने इस संबंध में कुछ डिटेल भी विशेष तौर पर जारी की हैं:
- जहां अस्पताल में भर्ती होने को प्रोडक्ट में नहीं कवर किया जाता है, बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्टित करना चाहिए कि कोरोना वायरस बीमारी से संबंधित मामलों को तेजी से हैंडल किया जाए.
- इलाज के दौरान मेडिकल खर्च जिसमें क्वारंटाइन अवधि के दौरान इलाज भी शामिल है, उसे पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट के उपयुक्त नियमों और शर्तों और मौजूदा रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के मुताबिक सेटलमेंट किया जाए.
- कोविड-19 के तहत सभी क्लेम को क्लेम रिव्यू कमेटी पूरी तरह रिव्यू करे और उसके बाद ही उसे रद्द किया जाए.
जहां अधिकतर स्टैंडर्ड पॉलिसी में खर्चों को कवर किया जाएगा, यह बेहतर रहेगा कि आप पॉलिसी के शब्दों को ध्यान से पढ़ें और इसे कन्फर्म करें. पॉलिसी के शब्द आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें हैं.