तकरीबन पांच माह बाद दिल्ली मेट्रो की अगले सप्ताह से सेवाएं फिर से शुरू होने जा रही है. मेट्रो ने यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. दिल्ली मेट्रो ने इसके लिए स्वचालित थर्मल स्क्रीनिंग-कम-सैनिटाइजर डिस्पेंसर और ‘फुट पेडल ड्राइवेन लिफ्ट’ को लगाया है. इसके अलावा, यात्रियों के लिए कुछ यात्रा के संबंध में कुछ मानक तय किए गए हैं. जिसमें मास्क को अनिवार्य रूप से पहनना शामिल है.
कोविड-19 महामारी के कारण लगभग पांच महीने बंद रहने के बाद मेट्रो सेवाएं 7 से 12 सितंबर तक तीन चरणों में फिर से शुरू होंगी. हालांकि, कंटेनमेंट जोन में स्थित स्टेशन बंद रहेंगे. शहर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि परिसर और ट्रेन के भीतर मास्क पहनना अनिवार्य है और ‘‘यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसका चालान किया जाएगा.’’
नहीं मिलेंगे टोकन
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा और वायरस के फैलने की आशंका के कारण यात्रियों को टोकन जारी नहीं किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि केवल स्मार्टकार्ड धारकों को यात्रा की अनुमति होगी. यात्रियों को आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि 45 स्टेशनों के प्रवेश द्वार पर, स्वचालित थर्मल स्क्रीनिंग सह सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाए गए हैं. यह सुविधा 17 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होगी, जिसमें येलो लाइन के राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और विश्वविद्यालय स्टेशन शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 सुरक्षा मानकों के अनुसार किसी भी स्टेशन पर लिफ्ट में एक बार में अधिकतम तीन यात्रियों को जाने की अनुमति होगी.
ठहराव की अवधि बढ़ेगी
ट्रेनों के ठहराव की अवधि अब अधिक होगी. इसे प्रत्येक स्टेशन पर 10-15 सेकंड से बढ़ाकर 20-25 सेकंड किया जाएगा और ‘इंटरचेंज’ सुविधा की अवधि को 35-40 सेकंड से बढ़ाकर 55-60 सेकंड किया जाएगा. डीएमआरसी ने बुधवार को कहा था कि सात सितम्बर से फिर से शुरू होने वाली मेट्रो सेवा के पहले चरण में दिल्ली मेट्रो सेवाएं दो पालियों सुबह 7 से 11 तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होंगी. दूसरे चरण में ट्रेनें सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और शाम चार बजे से रात 10 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगी और 12 सितंबर से सामान्य संचालन शुरू हो जाएगा.