नई दिल्ली. आखिरकार बुधवार को केंद्र सरकार ने वो फैसला ले ही लिया जिसे लेकर पहले से शंकाएं जाहिर की जा रही थीं. टिकटॉक (TikTok) के बाद अब गेमिंग ऐप PUBG समेत 117 अन्य चीनी ऐप्स को सरकार ने बैन कर दिया है. इनमें PUBG मोबाइल लाइट, लूडो वर्ल्ड, APUS लॉन्चर, Ulike, AliPay, सुपर क्लीन- मास्टर ऑफ क्लीनर, फोन बूस्टर, टेनसेंट वेयुन, बाइडू, फेसयू, ऐपलॉक लाइट और क्लीनर- फोन बूस्टर शामिल हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले इन ऐप्स पर हुई ये तीसरी कार्रवाई है. अब तक 224 ऐप बैन किए जा चुके हैं.
यूजर्स सर्च कर रहे PUBG के मालिक का नाम
PUBG बैन के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. बड़ी संख्या में यूजर्स ने PUBG के मालिक का नाम जानने के लिए गूगल सर्च भी किया. गूगल पर सर्च के दौरान सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल रहा- पबजी का मालिक कौन है(who owned PUBG ). कई यूजर्स ने PUBG के चीनी ऐप होने को लेकर शंका भी जाहिर की.
क्या है PUBG का इतिहास
दरअसल PUBG के चीनी होने को लेकर इस तरह के सवालों के पीछे इस ऐप का जटिल इतिहास भी है. इस ऐप को ब्रेंडन ग्रीन नाम के एक आयरिश व्यक्ति ने डेवलप किया था. ये ऐप डेस्कटॉप वर्जन के रूप में बनाया गया था. ग्रीन ने ये ऐप दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल के लिए विकसित किया था. दिलचस्प बात देखिए कि साल 2017 में ये ऐप चीन में भी बैन होने की कगार पर आ गया था. तब वहां पर सरकार ने दावा किया था कि ये बहुत हिंसक गेम है और देश के सांस्कृति मूल्यों के खिलाफ है. सरकार ने PUBG के विकल्प के तौर पर लोगों के लिए एक अलग गेम Force for Peace भी मुहैया कराया था. यहीं पर एंट्री हुई चीनी कंपनी टेंसेंट की. टेंसेंट ने ब्लूहोल में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीद ली.
चीन में बैन है PUBG ऐप
फिर इसके बाद चीनी कंपनी टेंसेंट ने PUBG का मोबाइल वर्जन डेवलप किया. मोबाइल वर्जन चीन में बेहद लोकप्रिय हुआ. लेकिन फिर बाद में चीनी सरकार ने इस पर बैन लगा दिया क्योंकि उसका मानना था कि इससे युवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जहां तक रही बात भारत की तो यहां पर भी ये गेम खूब लोकप्रिय है.
अब अगर ये पूछा जाए कि PUBG क्या चीनी ऐप है? तो इसका जवाब हां और ना दोनों है. इस गेम को शुरुआती तौर पर दक्षिण कोरियाई कंपनी ने विकसित किया था लेकिन इसके मोबाइल वर्जन को विकसित करने में टेंसेंट भी को-डेवलपर है. इस गेम का प्रॉफिट ब्लूहोल और टेंसेंट दोनों ही कंपनियों के पास जाता है.