कोरोनावायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में मोदी सरकार ने खर्चों में कटौती के मद्देनजर एक बड़ा फैसला किया है. इसके तहत सरकार ने अब सरकारी प्रिंटिंग गतिविधियों को बंद करने का निर्णय किया है. यानी, अब विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी कंपनियों और बैंकों की ओर से कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और अन्य दूसरी सामग्री की प्रिंटिंग नहीं कराई जाएगी. अब इन सभी सामग्री को डिजिटल फॉर्म में प्रकाशित किया जाएगा. सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है.
वित्त मंत्रालय की ओर से सोमवार को बयान में कहा कि पूरी दुनिया तेजी से डिजिटल फॉर्मेट को अपना रही है. भारत सरकार ने भी बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने का फैसला किया है. कॉफी टेबल बुक्स की प्रिंटिंग भी नहीं होगी और ई-बुक्स के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. मंत्रालय ने कहा है कि सभी संबंधित विभागों को इस संबंध में डिजिटल और ऑनलाइन फॉर्मेट अपनाना चाहिए.
वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार ने आगे से कोई भी वॉल कैलेंडर, डेस्कटॉप कैलेंडर्स, डायरी, फेस्टिवल ग्रीटिंग कार्ड्स और इसी तरह की अन्य सामग्री का किसी भी मंत्रालय और विभाग की ओर से फिजिकल प्रकाशन नहीं होगा. इस तरह की सभी सामग्री जिनका पहले फिजिकल फॉर्म में प्रकाशन होता था, उनका अब डिलिटल प्रकाशन किया जाएगा.
40 साल में पहली बार घटी विकास दर
कोरोना महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर बुरे दौर से गुजर रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है. 40 साल में ऐसा पहली बार है जब भारतीय अर्थव्यवस्था घटी है. इस बीच सरकार का टैक्स कलेक्शन भी लगातार घट रहा है. अगस्त में लगातार तीसरे महीने जीएसटी कलेक्शन गिरा है. कोरोना महामारी का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा है.