नई दिल्ली. एक सितंबर (1 September 2020) से आम आदमी की जिंदगी काफी कुछ बदलने जा रहा है जो आपकी फाइनेंशियल जिंदगी पर असर डालेगा. एक सितंबर कई चीजें बदल जाएंगी. जिन चीजों में बदलाव होने वाला है उसमें मुख्य रूप से LPG, Home Loan, EMI, Airlines सहित कई और चीजें शामिल हैं. इनका आपकी जेब पर भी असर पड़ सकता है. आइए आपको बताते हैं इस सभी बदलावों की पूरी जानकारी..
1. LPG सिलेंडर के दाम में बदलाव
देश में कोरोना काल के दौरान एक तरफ जहां महामारी के कारण महंगाई दर बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ बहुत जल्द ही रसोई गैस सस्ती हो सकती है. LPG, CNG और PNG के दामों में भारी गिरावट हो सकती है. 1 सितंबर को एलपीजी (LPG Cylinder) के दाम में बदलाव हो सकता है. माना जा रहा है कि एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बदलाव हो सकता है. हर महीने की पहली तारीख को सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 1 सितंबर को पेट्रोलियम कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमत को रिवाइज कर सकती है. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में LPG सिलेंडर के दाम घटेंगे.
2. महंगा होगी फ्लाइट यात्रा
1 सितंबर से विमान सेवाएं महंगी हो सकती है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (Domestic and International Flights) से उच्च विमानन सुरक्षा शुल्क (ASF) वसूलने का फैसला किया है. एएसएफ शुल्क के तौर पर घरेलू यात्रियों से अब 150 के बजाए 160 रुपए वसूला जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 4.85 डॉलर के बदले 5.2 डॉलर वसूला जाएगा.
3. बढ़ेगा EMI का बोझ खत्म होगा मोरेटोरियम
EMI चुकाने वाले ग्राहकों को जेब पर झटका लगता है क्योंकि कोविड-19 संकट की वजह से लोन ग्राहकों की EMI पर इस वर्ष मार्च में जो रोक लगी थी, वह 31 अगस्त को समाप्त हो रही है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) व पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की तरफ से अगले हफ्ते फैसला होने की संभावना है. बैंकिंग सेक्टर में इसे आगे बढ़ाने को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. खुदरा लोन (होम, आटो, पर्सनल लोन जैसी सावधि कर्ज योजनाओं के तहत लिए गए लोन) को किस तरह से जारी रखा जाए, इसका खाका स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.
4. शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए बदले नियम
शेयर बाजार (Indian Stock Market) में 1 सितंबर से आम निवेशकों (Investors) के लिए मार्जिन के नए नियम लागू हो रहे हैं. अगर आसान शब्दों में कहें तो ब्रोकर की ओर से मिलने वाले मार्जिन का लाभ अब निवेशक नहीं उठा सकेंगे. जितना पैसा वे अपफ्रंट मार्जिन के तौर पर ब्रोकर को देंगे, उतने के ही शेयर खरीद सकेंगे. शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी ने मार्जिन ट्रेडिंग को नए सिरे से तय किया है. अब तक प्लेज सिस्टम में निवेशक की भूमिका कम और ब्रोकरेज हाउस की ज्यादा होती थी. वह ही कई सारे काम निवेशक की ओर से कर लेते थे. नए सिस्टम में शेयर आपके अकाउंट में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा. इससे ब्रोकर के अकाउंट में स्टॉक्स नहीं जाएंगे. मार्जिन तय करना आपके अधिकार में रहेगा.
5. शुरू होगी इंडिगो एयरलाइन्स की उड़ानें
बजट एयरलाइंस इंडिगो ने अपनी उड़ानें स्टेप बॉय स्टेप शुरू करने का एलान किया है. 1 सितंबर से प्रयागराज, कोलकात्ता एवं सूरत उड़ान भी शुरू हो जाएगी. भोपाल-लखनऊ रूट पर कंपनी 180 सीटों वाली एयर बस-320 चलाएगी. यह उड़ान सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को संचालित होगी. पहली उड़ान 26 अगस्त बुधवार को भोपाल पहुंचेगी. कंपनी ने समर शेड्यूल में ही भोपाल से प्रयागराज, आगरा, कोलकात्ता, सूरत, अहमदाबाद एवं आगरा उड़ान शुरू करने का एलान किया था लेकिन कोरोना काल सहित कुछ कारणों से उड़ानें शुरू नहीं हो सकीं. अब कंपनी ने प्रयागराज, कोलकात्ता एवं सूरत उड़ान का शेड्यूल जारी कर 1 सितंबर एवं इसके बाद की तारीखों में बुकिंग शुरू कर दी गई है.
6. Ola-Uber ड्राइवर कर सकते हैं हड़ताल
ऐप आधारित कार सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ओला (Ola) और उबर (Uber) के ड्राइवरों ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 1 सितंबर से हड़ताल की धमकी दी है. कैब ड्राइवरों ने अपनी कई मांगों जैसे किराये में बढ़ोतरी और लोन रिपेमेंट मोरेटोरियम के विस्तार को लेकर हड़ताल जाने की धमकी दी है. दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत सिंह गिल ने कहा कि अगर सरकार हमारी समस्याओं को हल करने में विफल रहती है तो कैब एग्रीगेटर्स के साथ काम करने वाले लगभग 2 लाख ड्राइवर हड़ताल में शामिल होंगे.
7. GST देनदारी अदा करने में देरी पर लगेगा 18% ब्याज
सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में देरी की स्थिति में एक सितंबर से कुल टैक्स देनदारी पर ब्याज लेगा. इस साल की शुरुआत में उद्योग ने जीएसटी भुगतान में देरी पर लगभग 46,000 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज की वसूली के निर्देश पर चिंता जताई थी. ब्याज कुल देनदारी पर लगाया गया था. केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों वाली GST काउंसिल की 39वीं बैठक में निर्णय लिया था कि एक जुलाई, 2017 से कुल कर देनदारी पर जीएसटी भुगतान में देरी के लिए ब्याज लिया जाएगा और इसके लिए कानून को संशोधित किया जाएगा. हालांकि, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 25 अगस्त को अधिसूचित किया कि एक सितंबर 2020 से कुल कर देनदारी पर ब्याज लिया जाएगा. इसका मतलब यह कि, शेष टैक्स देनदारी पर ब्याज लगाने की सुविधा का लाभ करदाताओं को एक जुलाई 2017 की बजाय 1 सितंबर 2020 से मिलेगा.