Loan Moratorium Last Date: लोन मोरेटोरियम के लिए अंतिम डेट 31 अगस्त आने ही वाला है. यानी 1 सितंबर से EMI में छूट देने वाला ये नियम खत्म हो जाएगा. यानी 1 सितंबर से उन लोगों को अपने लोन की EMI भरती होगी, जो अबतक आरबीआई द्वारा दी गई लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ उठा रहे थे. बता दें कि लोन मोरेटोरियम एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसके तहत किसी को अपने लोन की किस्त को टालने का विकल्प मिल रहा था. हालांकि यह सिर्फ किस्त टालने का विकल्प था, ना कि ईएमआई माफ करने का.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौर में आम आदमी की आमदनी प्रभावित हुई थी. उस मुश्किल दौर में आम आदमी को राहत देने के लिए लोन EMI में छूट देने के लिए आरबीआई ने लोन मोरेटोरियम की व्यवस्था लागू की थी. जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ा, वैसे-वैसे लोन मोरेटोरियम को भी 2 बार बए़ाया गया. पहली बार यह मार्च से मई 2020 के लिए था. दूसरी बार इसे जून से अगस्त 2020 के लिए लागू किया गया.
1 सितंबर से भरनी पड़ेगी EMI
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के असर से बैंक कर्जदारों को राहत देने के लिए EMI में छूट यानी लोन मोरेटोरियम का ऐलान किया था. यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इसके बाद भी कुछ बैंक इसकी सुविधा दे सकते हैं. फिलहाल आरबीआई अब इसे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. ऐसा होता है तो अगले महीने से लोन की ईएमआई जमा करनी होगी.
ऐसी खबर आई थी कि बैंकों ने कहा है कि कुछ लोग बिना जरूरत भी लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. कुछ बैंक मान रहे हैं कि इसका असर क्रेडिट व्यवहार पर पड़ेगा और लोन डिफाल्टर्स बढ़ सकते हैं. कई प्रमुख बैंकों ने सरकार से लोन मोरेटोरियम को न बढ़ाने की भी अपील की है.
Moratorium: अस्थायी व्यवस्था
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इसी हफ्ते एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि लॉकडाउन में जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार और RBI ने कई कदम उठाए हैं. इन्हीं में से एक है लोन मोरेटोरियम की सुविधा थी. शक्तिकांत दास ने कहा कि लोन मोरेटोरियम की सुविधा एक अस्थायी समाधान था. हालांकि RBI गवर्नर ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह से यह नहीं मानना चाहिए कि RBI इन उपायों को जल्द हटा लेगा.
रीस्ट्रक्चरिंग सुविधा का मिल सकता है फायदा
शशिकांत दास ने मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा करते हुए लोन रीस्ट्रक्चरिंग सुविधा का एलान किया था. इसके तहत बैंकों को लोन चुकाने की अवधि बढ़ाने या EMI कम कर राहत देने का विकल्प दिया गया था. बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, जिन विकल्प पर बैंक विचार कर रहे हैं उसमें कर्जदाता होम लोन की EMI को कुछ महीने के लिए बंद करने या दो साल तक मौजूदा EMI को कम करने देने का चुनाव कर सकते हैं.
क्या है यह सुविधा
SBI समेत अन्य बैंक होम लोन रीस्ट्रक्चरिंग पर काम कर रहे हैं. बैंक नहीं चाहते कि उनके यहां डिफाल्टर्स की संख्या बढ़े. इसके तहत जिन लोगों की इनकम बिल्कुल खत्म हो गई है, उन्हें ईएमआई भरने से कुछ माह की राहत दी जा सकती है. वहीं जिन लोगों का वेतन घटा दिया गया है, उनकी ईएमआई कम करने पर विचार किया जा सकता है. ग्राहकों को फायदा यह होगा कि वे अभी अपनी कमाई के हिसाब से घटी हुई ईएमआई भर सकेंगे. हर बैंक अपना प्रस्ताव बनाएगा, जो पहले संबंधित बैंक के बोर्ड के सामने रखा जाएगा और फिर आरबीआई से अनुमति ली जाएगी.