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वॉलमार्ट-माइक्रोसॉफ्ट मिलकर खरीद सकते हैं TikTok का US बिजनेस: रिपोर्ट

नई दिल्ली. विवादों में ​घिरी शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक (TikTok) के अमेरिकी ऑपरेशन को खरीदने के लिए वॉलमार्ट (Walmart) ने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के साथ हाथ मिलाया है. दोनों दिग्गज कंपनियां एक साथ मिलकर टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस के लिए बोली में भाग लेंगी. वॉलमार्ट ने CNBC को इस बारे में जानकारी दी है. कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘TikTok US के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ संभावित पार्टनरशिप से हमें ऑम्निचैनल कस्टमर्स तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही हम अपने थर्ड-पार्टी मार्केटप्लेस में आगे बढ़ सकेंगे और विज्ञापन बिजनेस को भी बढ़ा सकेंगे.’

अमेरिकी रेगुलेटर्स और यूजर्स की चिंता दूर करने में सफल होंगे
कंपनी ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि वॉलमार्ट और माइक्रोसॉफ्ट की पार्टनरशिप अमेरिका में टिकटॉक यूजर्स की उम्मीद पर खरा उतरेगा. साथ ही अमेरिका के सरकारी रेगुलेटर्स की चिंताओं को भी दूर करेगा.’ ​टिकटॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) केविन मेयर (Kevin Mayer) ने भी गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. टिकटॉक कर्मचारियों को लिखे गए एक लेटर में मेयर ने कहा है कि बहुत जल्द ही कंपनी अमेरिका में मौजूदा स्थित को ठीक कर लेगी. मेयर के इस्तीफे के बाद टिकटॉक के जनरल मैनेजर वानेसा पप्पास (Vanessa Pappas) कंपनी के अंतरिम हेड होंगे.

टिकटॉक पर मंडरा रहा अमेरिका में भी बैन होने का खतरा

इस लेटर से एक बात यह भी साबित हो रहा है कि टिकटॉक को अब अपने ग्लोबल ऑपरेशन को कई हिस्सों में चलाना होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trum) ने कुछ दिन पहले ही एक एग्जीक्युटिव ऑर्डर में कंपनी को 45 दिन की समयसीमा दी है. उन्होंने कहा है कि इस समयसीमा के अंदर टिकटॉक अपने अमेरिकी बिजनेस को बेच दे नहीं तो प्रतिबंध के लिए तैयार रहे.

ओरेकल भी टिकटॉक यूएस को खरीदने की रेस में
बता दें कि टिकटॉक के अमेरिकी बिजनेस को खरीदने के लिए सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट सामने आई थी. कंपनी ने यह भी कहा था कि वो किसी अन्य के साथ इस टिकटॉक बिजनेस को खरीदने के लिए तैयार है. माइक्रोसॉफ्ट के अलावा टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनी Oracle भी टिकटॉक को खरीदने में रुचि दिखा रही है.

भारत में हो लग चुका है बैन
टिकटॉक के लिए अमेरिका से पहले भारत में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाला देते हुए टिकटॉक समेत कई अन्य चाइनीज मोबाइल ऐप्स को भारत में बैन कर दिया था. टिकटॉक के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वो सरकार से साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी.

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