भोपाल. आयकर विभाग (Income Tax Department) के छापे के दौरान कई जानकारियों को लेकर प्रॉपर्टी का ब्योरा एमपी पंजीयन विभाग से मांगी गई थी, लेकिन बताया जा रहा है कि पंजीयन विभाग इसमें मदद नहीं कर रहा है. लंबा समय बीत जाने के बाद भी 100 से ज्यादा प्रॉपर्टी की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी गई है. जबकि 15 दिनों के अंदर ही इस जानकारी को मुहैया कराना था. दिल्ली से आए आयकर विभाग के अधिकारियों की मदद नहीं करने से अब पंजीयन विभाग की भूमिका पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल है कि आखिरकार पंजीयन विभाग क्यों आयकर विभाग की मदद नहीं कर रहा है और जानकारी नहीं देने के पीछे विभाग की क्या मंशा है?
सूत्रों के कारोबारी पीयूष गुप्ता चूड़ीवाले से जुड़ी संपत्ति की जानकारी देने में देरी होने की वजह से आयकर विभाग उनसे जुड़े रसूखदारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. हालांकि, आयकर विभाग के पास तमाम जानकारी है, लेकिन पंजीयन विभाग के दस्तावेज इस कार्रवई को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
ये मांगी थी जानकारी
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने मई में पीयूष गुप्ता से जुड़ी 10 से ज्यादा प्रॉपर्टी की जानकारी पंजीयन विभाग से मांगी थी. इस जानकारी में खरीदार, विक्रेता, गवाह, पैन नम्बर, आधार नंबर, पहचान पत्र के दस्तावेज शामिल हैं. साथ ही रजिस्ट्री कराने वाले वेंडर और उससे जुड़े लोगों की जानकारी भी मांगी थी. आयकर विभाग की जानना चाहता है कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए स्टाफ या फिर पुरानी व्यवस्था में स्टाफ खरीदने के लिए भुगतान किन खातों के जरिए किया गया है. इसके अलावा किन बैंक अकाउंट के जरिए लेनदेन हुआ है. गवाह कौन कौन थे. साथ ही उन लोगों की जानकारी भी मांगी है जो इन प्रॉपर्टी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रखते हैं.
15 दिन में मिलती है जानकारी
वैसे तो पंजीयन विभाग 15 दिन के अंदर जानकारी मुहैया करा देता है. आयकर विभाग खुद पंजीयन विभाग से जानकारी मांग रहा है, लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी उसे पीयूष गुप्ता से जुड़ी 100 से ज्यादा संपत्तियों की जानकारी नहीं दी गई है. आयकर विभाग को पता चला है कि गुप्ता के पास 100 से ज्यादा रजिस्ट्री है. उसने सभी रजिस्ट्री अपने सहयोगी महेंद्र गोधा, विनीत जैन, पंडित राजाबाबू दुबे, शाकिब रकीब और अन्य लोगों के नाम से करवा रखी है.
ये है पूरा मामला
राजधानी भोपाल में 3 दिनों तक इनकम टैक्स की कार्रवाई तेज कंपनी के मालिक राघवेंद्र सिंह तोमर और गोल्डन कंपनी के मालिक पीयूष गुप्ता के कई ठिकानों पर हुई. इनकम टैक्स की कार्रवाई पूरी हो चुकी है. सूत्रों ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान इनकम टैक्स को 1000 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. इनकम टैक्स दोनों बिल्डर के ठिकानों से जब दस्तावेजों की जांच कर रही है. इन दोनों कंपनियों में कई बड़े रसूखदारों के इन्वेस्टमेंट की आशंका है. इन कंपनियों के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया जाता था.