नई दिल्ली: मानव जीवन में रंगों का बहुत महत्व है. प्रकृति में मौजूद तमाम रंगों में से कुछ रंगों को चुनकर हम अपने घरों की दीवारों को सुंदर बनाते हैं. आंखों को सुकून देने वाले इन रंगों का संबंध सिर्फ खूबसूरती से ही नहीं बल्कि वास्तु (Vastu) से भी है. वास्तु के अनुसार दीवारों पर रंगों का प्रयोग सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि को बढ़ाने का काम करता है. हर दिशा का अपना एक विशेष रंग होता है. जिसके होने या न होने पर उस घर में रहने वाले लोगों पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में घर की दीवारों के रंगों का चयन करते समय वास्तु के इन नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
– पूर्व दिशा में सादगी के प्रतीक सफेद रंग का प्रयोग करने से मन को सुकून और शांति मिलती है.
– मकान या फ्लैट के उत्तरी हिस्से में हल्के हरे रंग का प्रयोग आपकी आर्थिक प्रगति के लिए शुभ होता है.
– बच्चों का स्टडी रूम उत्तर-पूर्व दिशा में अच्छा माना जाता है इसीलिए उसे हल्के पीले या हल्के हरे रंग से पेंट करवाना चाहिए.
– उत्तर-पूर्व दिशा में अग्नि के प्रतीक लाल या नारंगी रंग का प्रयोग न करें क्योंकि ये जल का स्थान है.
– यदि उत्तर-पश्चिम दिशा में गेस्ट रूम या ड्राइंग रूम हो तो उसे सफेद रंग से कलर करवाना अत्यंत शुभ होता है. यदि यहां पर बच्चों का कमरा हो तो उसे भी सफेद रंग से कलर करवाएं.
– उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में बने हॉल को पीले या सफेद रंग से कलर करवाएं.
– मन की शांति और सुकून के लिए घर के मुख्य कमरे को पीले रंग से पेंट करवाना अत्यंत शुभ होता है. ध्यान रहे कि कलर बहुत ज्यादा पीला न हो.
– मकान के उत्तर-पश्चिम भाग को लाइट स्लेटी रंग से पेंट करवाना अच्छा होता है. विशेष तौर पर अविवाहितों के लिए ये अत्यंत शुभ होता है.
– दक्षिण-पूर्व दिशा में नारंगी या सिल्वर कलर का प्रयोग करें. यदि इस दिशा में आपका बेडरूम है तो लाल या नीले रंग का प्रयोग न करें बल्कि क्रीम या पिंक कलर का प्रयोग करें.
– घर के दक्षिण-पश्चिम भाग की दीवारों को हल्के गुलाबी रंग से पेंट करवाना शुभ होता है.
– घर के दरवाजे और खिड़कियों को पेंट करने के लिए गहरे रंगों का प्रयोग करें लेकिन दीवारों पर ऐसा करने से बचें क्योंकि लाल, काले आदि गहरे रंग हर व्यक्ति को सूट नहीं करते हैं.
– घर की बाहरी दीवारों का रंग घर के मुखिया के ग्रहों के अनुकूल होना चाहिए. बाहरी दीवारों को कभी भी काले या भूरे रंग से कलर नहीं करवाएं.