क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल हो गया. लेकिन आपके पैसे वापस नहीं आए? अगर हां तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह समस्या सिर्फ आप के साथ नहीं हुई है. इस तरह की शिकायतें रोजाना बैंकों के पास आती है. इसीलिए आज हम आपको इससे जुड़े नियम बता रहे हैं…
इस तरह के मामलों में खाते से कटी रकम बैंक को तुरंत लौटानी होती है. अगर शिकायत दर्ज होने के सात दिनों के भीतर ग्राहक के खाते में पैसा नहीं आता है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से हर्जाना चुकाना पड़ता है. फेल ट्रांजेक्शन के मामले में RBI के ये नियम 20 सितंबर 2019 से लागू हैं.
मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, ये नियम बैंकों के साथ-साथ एनबीएफसी पर भी लागू है.ये नियम कॉम्यूनिकेशंस लिंक के फेल होने पर, एटीएम में कैश नहीं होने पर , टाइम ऑउट सेशन होने पर भी लागू होते है. एटीएम में कार्ड ट्रांजेक्शन फेल होने के संबंध में RBI के नियम एकदम साफ हैं. ये अन्य बैंकों के एटीएम में भी ट्रांजेक्शन फेल होने पर लागू हैं.
1. अपने बैंक के एटीएम में कार्ड का इस्तेमाल किया हो या दूसरे बैंक के एटीएम में, खाते से पैसे कटने पर अगर कैश न निकले तो कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
2. नियमों के अनुसार, बैंकों के लिए एटीएम बॉक्स पर संबंधित ऑफिसर का नाम और टेलीफोन नंबर/टोल फ्री नंबर/हेल्थ डेस्क नंबर डिस्प्ले करना जरूरी है.
3. अगर ट्रांजेक्शन फेल हो, पर खाते से पैसा कट जाए तो कार्ड इश्यू करने वाले बैंकों को सात दिनों के भीतर वापस पैसा क्रेडिट करना है. इन दिनों की गिनती शिकायत दर्ज होने की तारीख से की जाती है.
4. सात दिनों में बैंक समस्या का समाधान नहीं कर पाते हैं तो नियम है कि देरी के लिए उन्हें रोजाना 100 रुपये का हर्जाना देना पड़ेगा. हर्जाने की रकम उन्हें बिना किसी शर्त ग्राहक के खाते में डालनी होगी. फिर भले इसे ग्राहक ने क्लेम किया हो या नहीं. लेकिन, ग्राहक हर्जाने का हकदार तभी होगा अगर उसने फेल हुए ट्रांजेक्शन की शिकायत 30 दिनों के भीतर की है.
5.समय से शिकायत का निपटान न होने पर ग्राहक बैंक का जवाब पाने से 30 दिनों के भीतर बैंकिंग ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकता है. वह उस स्थिति में भी ओम्बड्समैन का दरवाजा खटखटा सकता है अगर वह बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है या बैंक उसे जवाब नहीं देता है.