नई दिल्ली. अगर आपका SBI में है अकाउंट (SBI Account holders) तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इस हफ्ते SBI ने अपने कई नियमों में बदलाव (SBI changes many rules) किए हैं. ये रूल्स ATM लेन-देन, मिनिमम बैलेंस और SMS चार्जेज को लेकर हैं. आइए आपको अच्छे से समझाते हैं कि बैंक ने इन नियमों में क्या बदलाव किया है और इससे आप पर क्या असर होगा..
1) भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1 जुलाई से अपने एटीएम निकासी नियमों (ATM Withdrawal Rules) में बदलाव किया है. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ग्राहकों पर जुर्माना लगेगा. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, SBI मेट्रो शहरों में अपने नियमित बचत खाताधारकों (Saving Account Holders) को एटीएम से एक महीने में 8 मुफ्त लेनदेन करने की अनुमति देता है. मुफ्त ट्रांजैक्शन की लिमिट पार करने पर ग्राहकों से प्रत्येक लेनदेन पर चार्ज लिया जाता है.
2) SBI ने 18 अगस्त को आपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा देते हुए जानकारी दी है कि अब बचत खाताधारकों से बैंक SMS चार्जेज नहीं लेगा. उसने ये शुल्क माफ कर दिया है.
3) एसबीआई ने एटीएम से 10 हजार रुपये से अधिक नकद निकासी के नियमों में भी बदलाव किया है. अब अगर आप एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए से अधिक रकम निकालते हैं तो आपको ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी. बैंक की इस सुविधा के तहत खाताधारकों को रात के 8 बजे से लेकर सुबह के 8 बजे तक SBI के एटीएम से कैश निकालने के लिए ओटीपी की जरूरत होगी. बैंक की ये सुविधा खाताधारकों को सिर्फ SBI के एटीएम में मिलेगी. अगर आप बाकी किसी दूसरे एटीएम से कैश निकालते हैं तो पहले की तरह आराम से निकाल सकते हैं. आपको किसी ओटीपी की जरूरत नहीं होगी
4) SBI ने बचत खाताधारकों से मासिक न्यूनतम राशि नहीं रखने पर भी (non-maintenance of monthly average balance) शुल्क नहीं लेगा. एसबीआई के 44 करोड़ से अधिक बचत खाताधारकों ये सुविधा मिलेगी. इस साल मार्च में, एसबीआई ने घोषणा की थी कि वह सभी बचत बैंक खातों के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है. इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को जीरो बैलेंस की सुविधा मिलने लगेगी. बता दें कि उस समय बैंक मेट्रो शहरों में बचत खाताधारकों को न्यूनतम राशि के रूप में 3000 रुपये, कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये खाते में रखने होते थे.