मौजूदा कोरोना काल स्वास्थ्य के मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी बेहद मुश्किल दौर साबित हो रहा है. कई लोगों को कारोबार मंदा पड़ने, सैलरी में कटौती से लेकर नौकरी जाने तक का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इस हालात से जूझने के लिए कुछ लोग लोग लोन की मदद ले रहे हैं. अगर किसी के पास लोन लेने के लिए कोई बेस या गारंटी नहीं है लेकिन उसने PPF अकाउंट खुलवा रखा है तो PPF पर लोन लिया जा सकता है. चूंकि PPF लॉन्ग टर्म सेविंग्स विकल्प है, ऐसे में मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले जरूरत के वक्त यह लोगों के काम आ सके, इसके लिए PPF पर लोन लेने की सुविधा दी गई है.
PPF अकांउट जिस साल में खुलवाया गया है, उसके खत्म होने से लेकर एक साल पूरा होने के बाद और 5 साल पूरे होने से पहले, इस पर लोन लिया जा सकता है. अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद इससे विदड्रॉअल किया जा सकता है. अकाउंट से विदड्रॉअल शुरू होने के बाद PPF पर लोन नहीं लिया जा सकता. आप जिस साल में लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उसके पहले के दो साल पूरे होने के आखिर में PPF अकाउंट में जितनी राशि है, उसका 25 फीसदी तक लोन के तौर पर लिया जा सकता है.
ब्याज दर व लोन चुकाने की अवधि
पीपीएफ पर लोन लेने पर पर पहले लोन का प्रिन्सिपल अमाउंट यानी मूलधन चुकाना होता है, उसके बाद ब्याज. प्रिन्सिपल अमाउंट को दो या उससे ज्यादा इंस्टॉलमेंट या मंथली इंस्टॉलमेंट में चुकाया जा सकता है. लोन की प्रिंसिपल राशि का भुगतान अकाउंट धारक को जिस महीने में लोन लिया गया है, उसके पहले दिन से 36 महीने खत्म होने तक करना है. लोन के लिए प्रभावी ब्याज दर PPF पर मिल रहे ब्याज से केवल 1 फीसदी ज्यादा है. ब्याज को दो मंथली इंस्टॉलमेंट या एकमुश्त चुकाया जा सकता है. अगर आपने नियत समय के अंदर लोन का प्रिन्सिपल अमाउंट चुका दिया है लेकिन ब्याज का कुछ हिस्सा बाकी है तो वह आपके PPF अकाउंट से काटा जाता है.
अगर 36 महीने की अवधि के अंदर लोन का भुगतान नहीं किया गया है या सिर्फ आंशिक तौर पर उसका भुगतान हुआ है, तो बचे हुए लोन की राशि पर सालाना छह फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. यह छह फीसदी ब्याज दर जिस महीने में लोन लिया है, उसके अगले महीने के पहले दिन से लेकर जिस महीने आखिरी किश्त का भुगतान होगा, उसके आखिरी दिन तक रहेगी. यानी पहले जो ब्याज दर 1 फीसदी बन रही थी, वह लोन 36 माह के अंदर चुकता नहीं कर पाने पर लोन की शुरुआत से 6 फीसदी बनेगी. अगर अकाउंट धारक की मौत हो जाती है, तो उसका नॉमिनी या वैध उत्तराधिकारी उसके लोन का ब्याज का भुगतान करेगा. PPF पर ब्याज दरें तिमाही आधार पर बदलती हैं, लेकिन लोन की दर लोन चुकता होने तक वही रहेगी जो लोन लेते वक्त तय हुई.
इनएक्टिव PPF अकाउंट पर नहीं मिलेगा लोन
याद रहे अगर आपका पीपीएफ अकाउंट एक्टिव नहीं है तो आप उस पर लोन नहीं ले सकते. इसके अलावा जब तक पीपीएफ पर लिया गया पहला लोन चुकता नहीं हो जाता, उस पर दूसरा लोन नहीं लिया जा सकता. अगर नाबालिग या किसी दिमाग से कमजोर व्यक्ति के नाम पर अकाउंट खोला गया है, तो अभिभावक उसकी ओर से लोन के लिए अप्लाई कर सकता है. इसके लिये उसकी ओर से अकाउंट्स ऑफिस में सर्टिफिकेट जमा करना होगा.