नई दिल्ली. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने कहा है कि वीडियो कॉलिंग के दौरान ग्राहकों को ISD चार्ज के हिसाब से पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. अगर आप भी वीडियो कॉल करते हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे में ग्राहकों को वीडियो कॉलिंग में सावधानी बरतने की जरूरत है. टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि अगर कस्टमर जूम और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, ब्लू जीन्स, जियो मीट जैसी ऑनलाइन वीडियो कॉल या मीटिंग ऐप के लिए टोल-फ्री नंबर का उपयोग नहीं करते हैं तो उनका बिल अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग दर के हिसाब से आ सकता है.
टेलीकॉम कंपनियों को आ रहा बहुत ज्यादा बिल- ट्राई के आदेश के बाद ग्राहकों को एसएमएस द्वारा अलर्ट भेजा गया था. टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों को बता रही हैं कि इन ऐप्स में डायल-इन फीचर का उपयोग करने पर इंटरनेशनल नंबरो पर वीडियो कॉल के दौरान आईएसडी चार्ज लगेंगे. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया और टेलीकॉम कंपनियों ने बीते कुछ दिनों में लगातार बहुत ज्यादा बिल आने की शिकायत की है. इसके बाद ट्राई एसएमएस के जरिए अलर्ट भेज रहा है. अंतरराष्ट्रीय सब्सक्राइबर डायलिंग यानी आईएसडी शुल्क वे होते हैं जो अंतरराष्ट्रीय कॉल करने पर लगाया जाता है.
ऐसे लगता है ISD चार्ज जानिए- अगर कोई अपने लैपटॉप / डेस्कटॉप से लॉग इन करता है और बिल्ट इन ऑडियो का उपयोग करता है तो यह ठीक है लेकिन यही मोबाइल फोन से होता है तो यह शुल्क लग सकता है. वीडियो कॉल में आईएसडी चार्ज से बचने के लिए लैपटॉप या डेस्कटॉप कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है और साथ ही बिल्ट-इन वीडियो का ऑप्शन भी चुनना होगा. अगर कॉल स्मार्टफोन से किया जाता है और एक अंतरराष्ट्रीय नंबर या प्रीमियम नंबर डायल किया जाता है, जबकि स्मार्टफोन एक सेलुलर नेटवर्क से जुड़ा होता है, तो आईएसडी शुल्क ही लगेगा.