भारतीय रेल (Indian Railways) के 167 साल के इतिहास में यह शायद पहली बार हुआ होगा, जब उसने टिकट बुकिंग से हुई आय से अधिक का रिफंड यात्रियों को दिया है. कोविड-19 संकट से प्रभावित चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रेलवे की यात्री श्रेणी से आय में 1,066 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यह बात मध्यप्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गयी जानकारी में सामने आयी है.
इसके मुताबिक अप्रैल-जून अवधि में रेलवे की यात्री श्रेणी से होने वाली आय जहां नकारात्मक रही, वहीं मालभाड़े से होने वाली आय अपने स्तर पर बनी रही. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लगे यात्रा प्रतिबंधों की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रेलवे की सामान्य यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन बंद रहा.
तीन माह में कब कितना नुकसान
इस दौरान रेलवे के यात्रियों को टिकट किराया वापस करने से अप्रैल में 531.12 करोड़ रुपये, मई में 145.24 करोड़ रुपये और जून में 390.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. रेलवे के प्रवक्ता डी.जे. नारायण ने कहा कि दरअसल यह नुकसान की राशि रेलवे द्वारा आय से ज्यादा लोगों को रिफंड करने के आंकड़े दिखाती है. पिछले साल रेलवे ने अप्रैल में 4,345 करोड़ रुपये, मई में 4,463 करोड़ रुपये और जून में 4,589 करोड़ रुपये की कमाई की थी. रेलवे ने कहा कि महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में रेलवे को करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
मालभाड़े से आय का आंकड़ा
हालांकि अप्रैल-जून में रेलवे की मालभाड़े से आय बनी रही. रेलवे ने मालभाड़े से अप्रैल में 5,744 करोड़ रुपये, मई में 7,289 करोड़ रुपये और जून में 8,706 करोड़ रुपये की आय की. वित्त वर्ष 2019-20 में रेलवे ने इस मद से अप्रैल में 9,331 करोड़ रुपये, मई में 10,032 करोड़ रुपये और जून में 9,702 करोड़ रुपये की आय की थी. रेलवे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके गृहराज्य पहुंचाने के लिए रेलवे ने ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन किया. इससे भी रेलवे को करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.