नई दिल्लीः रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शशिकांस दास गुप्ता (Shaktikanta Das) ने इस बार से EMI भरने में छूट नहीं दी है. कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए रिजर्ब बैंक ने पहले EMI में छूट देने का ऐलान किया था. लिहाजा तीन माह तक ग्राहक मोरेटोरियम लोन (Moratorium Loan) का लाभ ले रहे थे लेकिन सितंबर से EMI में भरना जरूरी होगा. ऐसा नहीं करने पर क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है. हालांकि इसी के साथ केंद्रीय बैंक ने कस्टमर के लिए एक और नई स्कीम भी जारी की है.
जानिए क्या है लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम
शशिकांत दास ने नई घोषणा में लोन सेटलमेंट के लिए एक और स्कीम को जारी किया है. इस स्कीम के जरिए भी ग्राहक अपना लोन सेटलमेंट करा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि इस स्कीम के लाभ से डिफॉल्टर वंचित रहेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में कर्ज पुनर्गठन सुविधा (Debt restructuring facility) का ऐलान किया है. लोन रिस्ट्रक्चरिंग की मजूंरी मिलने के बाद अब बैंक अपने कर्जदारों के लोन वापसी का शेड्यूल फिर से तय कर सकते हैं. इसके तहत बैंक लोन चुकाने का पीरियड बढ़ा सकते हैं या पेमेंट में भी राहत दे सकते हैं. इस रिस्ट्रक्चरिंग के तहत बैंक तय कर सकेंगे कि EMI को घटाना है, लोन का पीरियड बढ़ाना है, या सिर्फ ब्याज वसूलना है.
रिजर्व बैंक ने कहा, कि यह पुनर्गठन रिजर्व बैंक के 7 जून 2019 को जारी मितव्ययी रूपरेखा ढांचे (Frugal design framework) के अनुरूप होगा. गौरतलब है कि इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में कहा था कि जिन उद्योगों पर कोरोना वायरस का असर पड़ा है उनकी मदद के लिए सरकार कर्ज के पुनर्गठन की आवश्यकता को लेकर रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रही है.
नई स्कीम से इन्हें मिलेगा
बैंक द्वारा जारी कई नई स्कीम के जरिए एयरलाइन कंपनियां, होटल और स्टील-सीमेंट कंपनियां लाभ ले सकती हैं. जबकि होम लोन लेने वाले ग्राहकों को इसके लिए बैंक की घोषणा का इंतजार करना होगा. बैंक द्वारा घटाई इंटरेस्ट रेट को लेकर पहले माना जा रहा था कि आरबीआई इंटरेस्ट रेट कम करेगा. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. आरबीआई ने रेपो रेट 4 प्रतिशत पर जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार रखा.
कोरोला काल में RBI ने ग्राहकों को दी थी मोरेटोरियम लोन की सुविधा
रिजर्ब बैंक की इस स्कीम से पहले रिजर्ब बैंक ने ग्राहकों को मोरेटोरियम का ऐलान लॉकडाउन की शुरुआत में 3 माह के लिए किया था लेकिन 22 मई को इसे तीन माह के लिए आगे बढ़ा दिया था. सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों की 6 महीने तक लोन की EMI देने में छूट मिली थी लेकिन अब मोरेटोरियम लोन अवधि 31 अगस्त को खत्म होने जा रही है.