नई दिल्लीः डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने बिना इंटरनेट के भी लेनदेन करने की सुविधा को पायलट आधार पर शुरू कर दिया है. हालांकि अभी केवल 200 रुपये तक की राशि की लिमिट को तय किया है, लेकिन आगे चलकर इसको बढ़ाया जा सकता है.
इनसे कर सकेंगे लेनदेन
हाल ही में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बिना इंटरनेट के कार्ड और मोबाइल के जरिए छोटी राशि के भुगतान को अनुमति दी गई है. बैंक की अधिसूचना के तहत इसे पायलट योजना के तहत डेबिट कार्ड, वॉलेट या मोबाइल से किया जा सकता है। इसके लिए किसी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी. ये योजना 31 मार्च 2021 तक चलेगी.
RBI ने बताया कि आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां इंटरनेट का अभाव है, जिसकी वजह से डिजिटल पेमेंट में भी बाधा आ रही है. इसी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने ये कदम उठाया है. यही वजह है कि कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफलाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है.
बयान में कहा गया है कि पायलट योजना के तहत यूजर्स के हितों और देनदारी सुरक्षा आदि का ध्यान रखते हुए ‘ऑफलाइन’ माध्यम से अंतर्निहित सुविधाओं के साथ छोटी राशि के भुगतान की अनुमति देने का प्रस्ताव है. इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में जल्दी ही निर्देश जारी किये जाएंगे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि पायलट योजना से प्राप्त अनुभव के आधार पर योजना लागू करने को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे.
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि ‘पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर’ (पीएसओ) को ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) लागू करना होगा. डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ विवाद और शिकायतें भी बढ़ी हैं. शिकायतों के समाधान की यह व्यवस्था नियम आधारित और पारदर्शी होगी. इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा या अगर होगा भी तो बहुत कम. इस पहल का मकसद विवादों और शिकायतों का समय पर और प्रभावी तरीके से निपटान करना है.