कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले ऐसे लोग जिनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता, वे भी अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं. इस थ्योरी को लेकर काफी वक्त से चर्चा चल रही है और अब एक नई स्टडी और पुख्ता सबूत मिले हैं. साउथ कोरिया में की गई स्टडी के मुताबिक, बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित लोगों की नाक, गले और फेफड़ों में उतने ही कोरोना वायरस मौजूद होते हैं जितने कोरोना से बीमार किसी शख्स में.
बिना लक्षण वाले मरीजों को लेकर साउथ कोरिया में की गई स्टडी को JAMA Internal Medicine में प्रकाशित किया गया है. स्टडी में यह भी पता चला है कि बीमार लोगों के शरीर में जितने दिन तक वायरस होते हैं, करीब-करीब उतने ही दिन तक बिना लक्षण वाले लोगों में भी कोरोना वायरस मौजूद रहते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ बेंजामिन कॉलिंग का कहना है कि निश्चित तौर से इस स्टडी का डेटा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह स्टडी उस थ्योरी को साबित करती है जिसको लेकर हम काफी समय से आशंका करते रहे हैं.
अमेरिका की Tufts University की वायरोलॉजिस्ट मार्टा गागलिया कहती हैं कि असल में इस बात का कोई कारण नहीं है कि बिना लक्षण वाले लोग, लक्षण वाले लोगों के मुकाबले अलग तरीके से वायरस संक्रमित करते होंगे.
कुछ एक्सपर्ट तर्क देते हैं कि बिना लक्षण वाले लोग कम खांसते या छींकते हैं, इसलिए उनके वायरस फैलाने की आशंका कम रहती है. लेकिन गागलिया कहती हैं कि लक्षण वाले लोग हॉस्पिटल या घरों में आइसोलेट हो जाते हैं, लेकिन बिना लक्षण वाले लोग घूमते रहते हैं या अपने दफ्तर जाना भी जारी रखते हैं. इस दौरान वे काफी लोगों को बीमार करते रहते हैं.
स्टडी के दौरान साउथ कोरिया की टीम ने 6 मार्च से 26 मार्च के दौरान 193 लक्षण वाले और 110 बिना लक्षण वाले लोगों के सैंपल लिए जिन्हें आइसोलेट करके रखा गया था. 110 बिना लक्षण वाले मरीजों में से 89 लोगों में बाद में भी लक्षण नहीं उभरे, जबकि 21 लोगों में बाद में लक्षण दिखाई दिए. वहीं, स्टडी में शामिल ज्यादातर लोग युवा थे.