FINANCE

RBI MPC: रिजर्व बैंक के फैसले पर टिकी नजर, इन वजहों से फिर मिल सकती है सस्ते कर्ज की सौगात

RBI Monetary Policy Committee Decision: RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी रेट कट पर आज यानी 6 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी. इस साल की बात करें तो रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन को देखते हुए 2 बार में ब्याज दरों में 115 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है. एक्सपर्ट और कुछ ग्लोबल एजेंसियां अगस्त में एक और रेट कट का अनुमान लगा रही है. बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज और यूबीएस का मानना है कि आने वाले दिनों में रिजर्व बैंक 75 बेसिस प्वॉइंट तक रेपो रेट में कटौती कर सकता है. जिसमें से 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती अगस्त में हो सकती है. हालांकि कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार रेट कट की उम्मीद कम ​है. वहीं लोन मोरेटोरियम पर भी आरबीआई एलान कर सकता है.

25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती संभव

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज (BofA सिक्योरिटीज) ने एक हालिया रिपोर्ट में उल्लेख किया कि ब्याज दरों में अगस्त में 25 बीपीएस की और वित्त वर्ष 2021 में 75 बीपीएस की कटौती की उम्मीद है. बढ़ रही महंगाई, अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के चलते आरबीआई दरों में कटौती जारी रखेगा. बता दें कि आरबीआई ने मई में अपनी पिछली पॉलिसी में ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की थी. जिसके बाद रेपो रेट 4 फीसदी पर आ गया है. जबकि मार्च में 75 अंकों की कटौती हुई थी.

लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अभी भी कोविड 19 का असर बना हुआ है. डिमांड अभी सुधर नहीं पाई है. ऐसे में एक और रेट कट की गुंजाइश है. उम्मीद है कि दरों में 50 अंकों की कटौती हो सकती है. इससे हर सेक्टर में डिमांड बढ़ने में मदद मिलेगी. इससे बैंकों को भी कर्ज बांटने में मदद मिलेगी. इसके अलावा आरबीआई एनबीएफसी के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय कर सकती है. देश के कई हिस्सों में अभी भी लॉकडाउन है, ऐसे में आरबीआई लोन एक्सटेंशन का भी एलान कर सकता है.

महंगाई भी है फैक्टर

स्विट्जरलैंड के UBS का कहना है कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक रेपो दर में 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है. इसका कारण दिसंबर तक महंगाई के घटकर 2.0 से 2.5 फीसदी के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. महंगाई दर अगर अनुमान से ज्यादा गिरती है तो रिजर्व बैंक को सिस्टम में लिक्विडिटी पंप करना होगा. सिस्टम में लिक्विडिटी पंप होने से बैंक ज्यादा लोन बाटेंगे और लोगों के पास पासा आएगा तो वे खरीददारी करेंगे.

आरबीआई ने भी दिया था संकेत

आरबीआई के एमपीसी मिनट में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दोहराया था कि आरबीआई महंगाई के लक्ष्य का पालन करते हुए व्यापक अर्थव्यवस्था में रिकवरी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए आर्थिक और पारंपरिक टूल का उपयोग करने में संकोच नहीं करेगा.

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