अगर आप आज या आज के बाद से नई कार या टू-व्हीलर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इसपर पहले की तुलना में कम कीमत चुकानी होगी. दरअसल, 1 अगस्त से नई कार या टू-व्हीलर पर अनिवार्य लॉन्ग-टर्म इंश्योरेंस (Mandatory Long-Term Insurance) प्लान को वापस से लिया गया है. इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपेमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने अनिवार्य लॉन्ग टर्म पैकेज कवर को वापस लेने का फैसला किया है. नई कार के लिए ‘मोटर थर्ड पार्टी’ और ‘ओन डैमेज इंश्योरेंस’ नई कार पर 3 साल के लिए और टू-व्हीलर्स पर 5 साल के लिए था.
ऐसे में अब अगर कोई नई चार पहिया वाहन या टू-व्हीलर खरीदता है तो उनके लिए पहले साल का इंश्योरेंस खर्च कम हो जाएगा. इस प्रकार नये वाहन खरीदने की कुल लागत भी कम होगी.
लॉन्ग टर्म पॉलिसी नहीं खरीदने से ‘Motor Own Damage’ को किसी अन्य इंश्योरेंस कंपनी में स्विच करने में भी आसानी होगी. हालांकि, दोनों तरह की पॉलिसी के फीचर्स और कवरेज पहले की तरह ही होंगे. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य करने का निर्देश दिया था
अगस्त 2018 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्देश दिया था कि वाहनों के लिए लॉन्ग-टर्म इंश्योरेंस प्लान को अनिवार्य किया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए आईआरडीएआई ने एक डायरेक्टिव जारी किया था, जिसमें लॉन्ग टर्म मोटर टीपी रूल्स को लागू किया गया. यह 1 सितंबर 2018 के बाद से लागू वाहनों के लिए अनिवार्य किया गया था.
BS4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक
इस बीच बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नए BS4 (BSIV) वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. इससे पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च के बाद वाहन पोर्टल पर बीएस-4 वाहनों को अपलोड करने से संबंधित जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को और वक्त दिया था. जस्टिस अरुण मिश्रा (Justice Arun Mishra) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने वाहनों की बिक्री की इजाजत देने संबंधी याचिका पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, हम ऐसे वाहनों को वापस लेने का आदेश क्यों पारित करे? कंपनियों को इसकी समयसीमा के बारे में पता था, तो उन्हें इसे वापस लेना चाहिए. पीठ ने सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए और वक्त दिया है.
क्या है BS-4 वाहनों के बिक्री का मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी. इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था, जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया. इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं. इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी.