आपके बैंक सेविंग्स अकाउंट पर कितना ब्याज मिलता है? बैंक सेविंग्स अकाउंट (Interest on Savings Account) में पैसे रखने की सबसे बड़ी वजह तो यही होती है कि जरूरत के समय में आसानी से कैश उपलब्ध हो जाए. लेकिन, बैंक में रखे इस पैसे पर अगर ज्यादा ब्याज मिले तो इससे डिपॉजिटर को निश्चित ही ज्यादा फायदा होगा. बैंक सेविंग्स अकाउंट में ‘Sweep-out’ और ‘Sweep-in’ की सुविधा मिलती है, जिसकी मदद से ज्यादा ब्याज कमाया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में…
कैसे मिलेगा ज्यादा ब्याज
मौजूदा समय में लगभग हर बैंक आपके सेविंग्स अकाउंट पर यह खास सुविधा देता है, जिसमें जरूरत से ज्यादा रकम को ऑटोमेटिक रूप से एक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में डाला जा सकता है. अगर आपको पैसों की जरूरत है या बैंक के पास पूंजी की कमी है तो यह फिक्स्ड डिपॉजिट स्वत: ही डिजॉल्व हो जाता है. इस प्रकार आपके सेविंग्स अकाउंट में रखे पैसे पर ज्यादा मिल सकता है. लिंक्ड एफडी यह सुनिश्चित करता है कि ज्यादा ब्याज दर से ज्यादा कमाई हो सके. यह दर आम सेविंग्स बैंक अकांउट की तुलना में ज्यादा होता है.
क्या है खास बात
इस सुविधा की सबसे खास बात यह है कि आपको अपने अकाउंट में सरप्लस को बार-बार ट्रैक नहीं करना पड़ेगा. जब आप अपने बैंक को सेविंग्स अकाउंट को टर्म डिपॉजिट में क्रिएट करने का इंस्ट्रक्शन दे देंगे, उसके बाद यह प्रक्रिय स्वत: पूरी हो जाएगी.
आपको ही तय करनी होगी रकम
आपको अपने बैंक को इस बारे में केवल एक बार जानकारी देनी होगी कि आप इस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं. आपकी कितनी सरप्लस रकम इस सुविधा के तहत इस्तेमाल करना चाहते हैं, इस बारे में आपको ही फैसला लेना होगा. आमतौर पर बैंकों में इसकी सीमा 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की होती है.
इस एफडी मैच्योरिटी के नियम क्या हैं?
जब एक बार आपके बैंक अकाउंट में इस लिमिट से ज्यादा पैसा होगा, बैंक अपने आप ही अतिरिक्त रकम की एफडी क्रिएट कर देगा. इस एफडी की अवधि 1 साल से लेकर 10 साल तक की हो सकती है. जब यह एफडी मैच्योर हो जाती है तो अपने आप ही यह रिन्यू भी हो जाती है. इस सुविधा को अन्य तरह के बैंक अकाउंट से साथ भी जोड़ा जा सकता है, जैसे- महिलाओं और बच्चों के लिए स्पेशल अकाउंट्स.
हर बैंक के पास स्वीप आउट फैसिलिटी के लिए अलग-अलग नाम हैं. जैसे एचडीएफसी बैंक में इसका नाम ‘HDFC Bank’s MoneyMaximize’, एसबीआई में ‘Savings Plus Account’, बैंक आॅफ बड़ौदा में ‘Edge Savings Account’ है.
क्या है इसके लिए टैक्स का नियम?
इस फिक्स्ड डिपॉजिट से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स आपके टैक्सेबल स्लैब रेट के आधार पर ही लागू होगा. ऐसे में इस सुविधा का लाभ उन डिपॉजिटर्स को मिलेगा, जो उच्च टैक्स ब्रैकेट में आते हैं. सेविंग्स अकाउंट पर 10,000 रुपये तक के ब्याज को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत क्लेम किया जा सकता है. इससे ज्यादा ब्याज की कमाई पर स्लैब रेट के आधार पर ही टैक्स देना होगा.