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होम लोन पर कर सकते हैं लाखों रुपये की बचत, जानिए क्या है तरीका

नई दिल्ली. हाल ही में कई पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSB’s) ने रेपो रेट लिंक्ड होम लोन पेश किया है. इस स्कीम के तहत, फ्लोटिंग होम लोन के लिए ब्याज दर ‘मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट’ (MCLR) की जगह रेपो रेट से लिंक होता है. MCLR में ग्राहकों को कम ब्याज दर का फायदा मिलता है. रेपो रेट (Repo rate) वह दर होता है, जिस दर भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है. आमतौर पर, रेपो रेट से जुड़े होम लोन पर आरबीआई द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव का फायदा तुरंत मिल जाता है.

कोरोना वायरस महामारी के बीच अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए पिछले कुछ महीनों में आरबीआई ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है. यही कारण है कि रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन भी इसी क्रम में सस्ते हुए हैं. वहीं, इसकी तुलना में एमसीएलआर लिंक्ड होम लोन की दरें महंगी हैं.

क्यों रेपो रेट लिंक्ड होम लोन में शिफ्ट करें?
MCLR की तुलना में रेपो रेट में ऐसे कई फैक्टर्स हैं, जो होम लोन (Repo Rate Linked Home Loan) लेने वालों के लिए इसे आकर्षक बनाता है. सबसे बड़ा फैक्टर तो MCLR के मामले में कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट का ही होता है. आज के समय में रेपो रेट दर से जुड़े होम लोन सबसे ज्यादा सस्ते हैं. यही कारण है कि एक्सपर्ट्स भी कर्जदारों को रेटो रेट लिंक्ड में शिफ्ट करने की सलाह देते हैं.

आज के समय में रेपो रेट लिंक्ड होम लोन की दर 7 फीसदी के नीचे हैं जबकि, बेस रेट और एमसीएलआर लिंक्ड रेट्स 7.50 फीसदी या इससे अधिक हैं. ऐसे में अपने पुराने लोन को रेपो रेट लिंक्ड लोन में रिफाइनेंस करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. लोन की पूरी अवधि में इससे लाखों रुपये की बचत हो सकती है. आइए जानते हैं कि लाखों रुपये की यह बचत कैसे होगी.

क्या है लाखों रुपये बचाने का गणित?
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 8.2 फीसदी की दर से एमसीएलआर लिंक्ड होम लोन लिया है. इस लोन पर 180 महीने में 25 लाख रुपये का भुगतान बाकी है. अगर इस ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होता है तो कुल ब्याज करीब 18.52 लाख रुपये होगा. इसकी ईएमआई करीब 24,180 रुपये होगी.

अगर इसे 7.1 फीसदी की ब्याज दर पर भी रेपो​ लिंक्ड लोन में कन्वर्ट किया जाता है तो इन 180 महीनों के लिए कुल ब्याज करीब 15.69 लाख रुपये होगा. इस प्रकार रेपो लिंक्ड लोन पर 2.83 लाख रुपये की बचत होगी. इससे उन्हें हर महीने 1,570 रुपये कम ईएमआई देनी होगी, जोकि 22,610 रुपये होगी.

इसके अतिरिक्त, अगर कर्जदार रिफाइनेंस किए जा चुके लोन पर पहले की तरह ही 24,180 रुपये प्रति महीने की EMI जमा करता रहा तो लोन की अवधि घटकर केवल 161 महीने की हो जाएगी. इससे ब्याज पर अतरिक्त 1.92 लाख रुपये की बचत हो सकती है.

आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वो बिना किसी अतिरिक्त मार्जिन के लोन ट्रांसफर करने की सुविधा दें. हालांकि, एक लोन से दूसरे लोन में शिफ्ट करने के लिए लेनदार को कुछ कनवर्जन चार्ज देना पड़ेगा. यह बैंक की अपनी पॉलिसी पर निर्भर करेगा.

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