Corona vaccine COVAXIN: भारत में विकसित पहली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रॉयल शुरू हो गया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर जानकारी दी कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘COVAXIN’ का PGI रोहतक में शुक्रवार को मानव परीक्षण शुरू हुआ. बता दें, कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए दुनियाभर में 140 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कई वैक्सीन अब फेज 2 ट्रायल से आगे बढ़ चुकी हैं. वैक्सीन विकसित करने की रेस में जो सबसे आगे हैं उनमें ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, मॉडर्ना, एस्ट्रा-जेनेका, कैनसिनो और साइनोफार्म आगे चल रही हैं. भारत में भी दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है.
हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने ट्वीट किया, ”भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन COVAXIN का पीजीआई रोहतक में ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है. आज तीन वॉलंटिअर्स को एनरोल किया गया था. सभी पर वैक्सीन का सही असर हुआ है, कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला.” बता दें, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर Covaxin नाम से वैक्सीन बनाई है.
भारत में जायडस कैडिला का भी ट्रायल शुरू
भारत में फार्मा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने अपनी संभावित कोविड-19 वैक्सीन ZyCoV-D का इंसानों पर ट्रायल शुरू कर दिया है. पहले चरण में कंपनी देश के विभिन्न हिस्सों में 1000 लोगों को इसके लिए इनरॉल करेगी. इस मल्टी सेंट्रिक स्टडी में वैक्सीन की सेफ्टी, टॉलेरेबिलिटी (सहनशीलता) और इम्यूनोजेनिसिटी (प्रतिरक्षाजनकता) का आकलन किया जाएगा. जायडस कोविड-19 की संभावित वैक्सीन के इंसानी ट्रायल के लिए मंजूरी पाने वाली दूसरी भारतीय फार्मा कंपनी है.
संभावित कोविड19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल्स के लिए भारत के दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी पाने वाली पहली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक है. भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ओर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर COVAXIN नामक संभावित वैक्सीन को विकसित किया है.
Moderna की वैक्सीन पर नया खुलासा
मॉडर्ना द्वारा विकसित की गई एक्सपेरिमेंटल कोविड19 वैक्सीन स्वस्थ वयस्कों में कोरोना से लड़ने वाली न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज को विकसित करने में सक्षम है. हालांकि कई मरीजों में इसके माइनर साइड इफेक्ट्स भी मिले हैं. यह जानकारी मॉडर्ना की कैंडीडेट वैक्सीन के चल रहे ट्रायल के शुरुआती चरणों की नई स्टडी से मिली है. ये फाइंडिंग्स उस स्टडी की हैं, जो अमेरिका के सियाटल और एमोरी यूनिवर्सिटी में 18 से 55 साल की उम्र के 45 पार्टिसिपेंट्स पर की गई.