क्रेडिट कार्ड (Credit Card) इस्तेमाल करने वालों के पास इससे ट्रांजेक्शन का ब्यौरा स्टेटमेंट के रूप में आता है. क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट मासिक होता है और कार्ड के बिलिंग साइकिल के अंत में जनरेट होता है. हालांकि उस अवधि के लिए कोई स्टेटमेंट नहीं जारी किया सकता, जिसमें कोई लेनदेन या बकाया शेष न हो. क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कई जानकारियां मौजूद रहती हैं. इस स्टेटमेंट के जरिए ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नजर रख सकते हैं.
जिन लोगों ने नया-नया क्रेडिट कार्ड लिया है, उनके लिए क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह आमतौर पर बहुत लंबा होता है. इसलिए, क्रेडिट कार्ड कंपनियां स्टेटमेंट को विभिन्न भागों में बांट देती हैं, ताकि इसे अच्छे से समझा जा सके. आइए जानते हैं इस स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी और कुछ जटिल शब्दों के अर्थ-
– क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कार्डधारक की जानकारी जैसे कि नाम, ईमेल एड्रेस और पता आदि लिखा होता है.
– बिलिंग पीरियड का शुरुआती बिल, ब्याज दर, कार्ड के इस्तेमाल की जानकारी आदि.
– पिछला बिल, ओवर लिमिट शुल्क आदि.
– बैंक की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी.
स्टेटमेंट अवधि
स्टेटमेंट के टॉप पर स्टेटमेंट अवधि रहती है. स्टेटमेंट अवधि मासिक होती है. उदाहरण के लिए, यदि आपकी स्टेटमेंट अवधि 12 अप्रैल को शुरू होती है, तो यह 13 मई को खत्म हो जाएगी. यदि ब्याज फ्री दिन जानना चाहते हैं तो इस अवधि को ध्यान में रखना चाहिए. आम तौर पर, क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने के लिए बैंक 55 दिनों के लिए ब्याज मुक्त अवधि देते हैं, बस ध्यान रहे कि आप अपनी स्टेटमेंट अवधि बिना किसी बकाया राशि के शुरू करें. हालांकि, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि “इंटरेस्ट फ्री पीरियड” की शुरुआत स्टेटमेंट तिथि से शुरू से होती है, न कि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीद की तारीख से. उदाहरण के लिए, यदि आप 12 अप्रैल को खरीदारी करते हैं, तो आपके पास 6 जून तक (55 दिन) तक ब्याज मुक्त दिन होंगे, लेकिन यदि आप 1 मई को खरीदारी करते हैं, तो आपके पास सिर्फ 37 इंटरेस्ट फ्री दिन होंगे.
पेमेंट ड्यू डेट: ये क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान की आखिरी तारीख होती है. इस तारीख के बाद किए गए पेमेंट पर फाइनेंस चार्ज और लेट पेमेंट फीस देनी पड़ती है.
मिनिमम ड्यू: यदि आप क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का भुगतान नहीं कर सकते तो आप ड्यू डेट के अंदर न्यूनतम बिल का भुगतान कर सकते हैं. इसी को मिनिमम ड्यू कहते हैं.
क्रेडिट लिमिट: कार्डधारक को क्रेडिट कार्ड से खर्च के लिए सीमित क्रेडिट दिया जाता है, यानी एक खर्च की एक निश्चित सीमा होती है. इसी को क्रेडिट लिमिट कहते हैं.
बिलिंग साइकिल: बिलिंग साइकिल क्रेडिट कार्ड की दो बिलिंग तिथियों के बीच का समय होता है. उदाहरण के लिए यदि पिछला बिल 1 जून 2020 को आया था और अगला बिल 1 जुलाई 2020 को आया है तो इन दोनों तारीखों के बीच का समय आपका बिलिंग साइकिल होगा.
करंट आउटस्टैंडिंग बैलेंस: इस अर्थ है मौजूदा बकाया राशि. यह आपकी कुल बिल राशि है, जिसका आपको तय समय सीमा में भुगतान करना है.
ट्रांजेक्शन हिस्ट्री: इस सेक्शन में आपके क्रेडिट कार्ड खाते में कितना पैसा आया और कितना खर्च हुआ इसकी सम्पूर्ण जानकारी होती है.
रिवॉर्ड्स एंड ऑफर
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय आपको रिवार्ड प्वॉइंट जमा करने और बैंक के रिवॉर्ड कैटलॉग से उपहार पाने के लिए एक्सचेंज करने का भी अवसर मिलता है. ‘रिवॉर्ड पॉइंट्स समरी’ मे बिलिंग पीरियड के शुरुआत में प्वॉइंट्स, एडजस्टेड प्वॉइंट्स (बिल के लिए इस्तेमाल किए गए) और बिलिंग पीरियड के आखिर में बचे रिवॉर्ड प्वॉइंट्स की जानकारी होती है. ध्यान रहे रिवॉर्ड्स का सेक्शन उन्हीं क्रेडिट कार्ड्स के स्टेटमेंट में रहता है, जिन पर रिवार्ड्स मिलते हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आमतौर पर कार्डधारक को चल रहे ऑफर्स के बारे में सूचित करने के लिए एक सेक्शन होता है, जहां पर वे इन प्वॉइंट्स को रिडीम कर सकते हैं.