नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चेतावनी सच होती नज़र आ रही है. गुरूवार को दुनिया भर में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के ढाई लाख के करीब मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल केस बढ़कर अब 1 करोड़ 39 लाख से भी ज्यादा हो गए हैं. बीते 24 घंटे में संक्रमण (Covid-19) से 5800 लोगों की मौत हो गयी और कुल मौतों काआंकड़ा बढ़कर 5 लाख 91 हज़ार तक पहुंच गया है. अमेरिका (US) में 73 हज़ार, ब्राजील (Brazil) में 43 हज़ार और भारत (India) में 35 हज़ार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. साउथ अफ्रीका (South Africa) में 13 हज़ार और मेक्सिको (Mexico) में भी 6 हज़ार नए केस सामने आए हैं.
#ब्राजील में 20 लाख से ज्यादा हुए केस
ब्राजील में संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख के पार हो गया है. यहां 27 दिन में ही मामले डबल हो गए हैं. पिछले हफ्ते से यहां हर दिन करीब 40 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. यहां पर साओ पाउलो राज्य में सबसे ज्यादा 1 लाख 34 हजार 573 संक्रमित मिले हैं
#कनाडा में आर्थिक पैकेज का ऐलान
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि हम 14 बिलियन डॉलर( करीब 1 लाख 50 हजार करोड़ रु.) के फंड का निवेश करेंगे. इससे देश के राज्यों को लोगों को वायरस से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. यह लोगों के वापस काम पर लौटने और संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में भी मददगार होगा.
#एक देश के दोनों प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से हुए संक्रमित
यूगोस्लाविया के टूटने के बाद 1990 में बाल्कन प्रायद्वीप का बोस्निया-हर्ज़ेगोविना देश अस्तित्व में आया था. नस्लीय आधार पर यहां पर दो सत्ताएं अस्तित्व में हैं, एक फ़ेडरेशन ऑफ़ बोस्निया और हर्जेगोविना, दूसरी रेपुब्लिका सर्प्सका की. इन दोनों का ही अपना संविधान और अपने प्रधानमंत्री हैं. हालांकि, अब यहां पर एक चीज़ समान है और वो है कि इन दोनों ही सत्ताओं के प्रधानमंत्री कोरोना वायरस पॉज़िटिव पाए गए हैं.
बोस्निया के प्रधानमंत्री फ़ादिल नोवालिक एक समारोह के दौरान बीमार हो गए. अब वो अस्पताल में भर्ती हैं और स्राजेवो के कोरोना वायरस वॉर्ड में हैं. वहीं उनके समकक्ष रेपुब्लिका सर्प्सका के प्रधानमंत्री रैडोवन विस्कोविच बुधवार को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए हैं. बाल्कन प्रायद्वीप के बहुत से देशों में बीते हफ़्तों में कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ी देखने को मिली है. इसमें बोस्निया भी शामिल है. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, देश में इस समय 7,411 संक्रमण के मामले हैं जबकि 235 लोगों की मौत हुई है.
#ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय को कोविड-19 टीका विकसित करने में सफलता मिलने की उम्मीद
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि कोविड-19 का टीका विकसित करने में उन्हें सफलता मिल सकती है। ब्रिटिश मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया है. दरअसल, अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने यह पता लगाया है कि मानव पर शुरूआती चरण के परीक्षणों के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ यह टीका ‘दोहरी सुरक्षा’ उपब्लध करा सकता है। इसके बाद, अनुसंधान के सफल होने की उनकी उम्मीद बढ़ गई है. ‘द डेली टेलीग्राफ’ ने परीक्षण टीम से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि ब्रिटिश स्वयंसेवकों के एक समूह से रक्त के नमूने लिये जाने के बाद उन पर टीके का परीक्षण किया गया, जिसमें यह पता चला कि इसने शरीर को एंटीबॉडी और खात्मा करने वाले ‘टी-सेल’ बनाने के लिये प्रेरित किया.
यह खोज काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग-अलग अध्ययनों में यह सामने आया है कि एंटीबॉडी कुछ ही महीनों में खत्म हो सकती है, जबकि ‘टी-सेल’ कई साल तक बने रह सकते हैं. हालांकि, सूत्र ने आगाह किया कि ये नतीजे बहुत ज्यादा उम्मीद जगाते हैं लेकिन अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि ऑक्सफोर्ड का टीका कोविड-19 के खिलाफ लंबे समय के लिये प्रतिरक्षा उपलब्ध कराता है, या नहीं.
#चीन ने कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण करने का किया दावा
कोरोना वायरस टीका बनाने की वैश्विक दौड़ के बीच चीन की एक सरकारी कम्पनी ने दावा किया है कि सरकार के मनुष्य पर टीके के परीक्षण की अनुमति देने से पहले ही उसने शीर्ष अधिकारियों सहित अपने कर्मचारियों को इसकी प्रयोग्ताम्क खुराक दी है. ‘साइनोफार्म’ कम्पनी की ओर से ऑनलाइन ‘जीतने के लिए मदद करने वाले लोग’ के शीर्षक वाली पोस्ट में उसके कर्मचारियों की एक तस्वीर है और लिखा था, टीका बनाने के ‘पूर्व परीक्षण’ में मदद की. चाहे इसे वीरतापूर्ण बलिदान के रूप में देखा जाए या अंतरराष्ट्रीय नैतिक मानदंडों का उल्लंघन लेकिन यह दावा एक विशाल दांव को रेखांकित करता है क्योंकि महामारी खत्म करने के लिए टीका बनाने की दौड़ में अमेरिका और ब्रिटिश कम्पनियों के साथ चीन की प्रतिस्पर्धा है.
दावा सही साबित होने से उसकी वैज्ञानिक और राजनीतिक जीत होगी. जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक वैश्विक जन स्वास्थ्य कानून विशेषज्ञ लॉरेंस गोस्टिन ने कहा कि कोविड-19 का टीका सभी को चाहिए लेकिन इसे पाना बेहद कठिन है. कोरोना वायरस को टीका बनाने की दौड़ में चीन ने पहले अपने आप को एक प्रबल दावेदार के तौर पर पेश किया है. दुनियाभर में दो दर्जन टीके मानव परीक्षण के विभिन्न स्तर पर हैं. उनमें से सबसे अधिक आठ चीन के हैं. वहीं ‘साइनोफार्म’ ने भी परीक्षण के अंतिम चरण में होने की घोषणा कर दी है, जिससे उसकी स्थिति और मजबूत होती दिख रही है.
#कोरोना वायरस से निपटने को लेकर व्हाइट हाउस में अंदरुनी कलह सामने आई
व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर चल रही अंदरुनी कलह अब सामने आ गई है। व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने डॉ. एंथनी ने फॉसी की तीखी आलोचना की जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुप रहे. देश के संक्रामक रोग के शीर्ष विशेषज्ञ फॉसी ने इस आलोचना को ‘‘बेतुका’’ तथा ‘‘थोड़ा विचित्र’’ बताया है. लंबे समय से चल रही तनातनी तब बढ़ गई जब नवारो ने ‘यूएसए टुडे’ में फाउची को निशाना बनाते हुए लिखे संपादकीय में कहा, ‘डॉक्टर हर चीज में गलत रहे हैं. मैंने उनसे बात की…इसलिए जब आप मुझसे पूछेंगे कि क्या मैं डॉ. फाउची की सलाह सुनूंगा तो मेरा जवाब होगा : केवल संशय और सतर्कता के साथ.’
‘द अटलांटिक’ को दिए एक साक्षात्कार में फॉसी ने जवाब दिया, ‘मैं पीटर नवारो के बारे में नहीं बता सकता. वह अपनी खुद की दुनिया में गुम हैं इसलिए मैं वहां जाना भी नहीं चाहता.’ वहीं हाल के दिनों में फाउची की शिकायत करने वाले ट्रंप बीच-बचाव की स्थिति में आ गए हैं. ट्रंप ने अटलांटा जाने के लिए व्हाइट हाउस से रवाना होते समय पत्रकारों से कहा, ‘नवारो ने अपना प्रतिनिधित्व करते हुए बयान दिया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.’ ट्रंप ने कहा कि उनके डॉ. फॉसी के साथ अच्छे संबंध हैं और उनके कर्मचारी मिलकर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि व्हाइट हाउस महामारी से निपटने को लेकर सवालों के घेरे में चल रहा है क्योंकि देश में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और राष्ट्रपति अपनी पुन: चुनाव की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए आर्थिक गतिविधि बहाल करने पर जोर दे रहे हैं. बहरहाल इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि ट्रंप इस झगड़े से खुश हैं क्योंकि उनका मानना है कि नवारो द्वारा फाउची की गलतियां बताने से उन्हें मदद मिलेगी.
#पाकिस्तान में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 257,914 हुए
पाकिस्तान में पिछले चौबीस घंटे में 2,145 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जिसके बाद बृहस्पतिवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 2,57,914 हो गए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार अब तक देश में कोविड-19 के 1,78,737 मरीज ठीक हो चुके हैं. बुधवार को पिछले चौबीस घंटों के दौरान इस महामारी से 40 और मरीजों की मौत हुई जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,426 हो गई. मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान में अभी कोविड-19 के 73,751 मरीजों का इलाज चल रहा है. संक्रमण के कुल मामलों में सिंध से 1,08,913, पंजाब से 88,539, खैबर पख्तूनख्वा से 31,217, इस्लामाबाद से 14,402, बलूचिस्तान से 11,322, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से 1,771 और गिलगित बल्तिस्तान से 1,750 मामले सामने आए हैं.
#अमेरिका में अब कोविड-19 से जुड़े आंकड़े सीडीसी नहीं करेगा एकत्रित
अमेरिका में कोरोना वायरस से जुड़े आंकडें अब अस्पताल से रोग नियंत्रण एवं निवारण केन्द्र (सीडीसी) की बजाय एक निजी प्रौद्योगिकी कम्पनी एकत्र करेगी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी लेकिन कुछ जन स्वास्थ्य नेताओं ने इसको लेकर चिंता भी जाहिर की है. सीडीसी के निदेशक ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बदलाव से कोई परेशानी नहीं है हालांकि कुछ विशेषज्ञों को चिंता है कि इस कदम से एजेंसी अलग-थलग पड़ सकती है. अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्रालय की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा ‘आंकड़े दर्ज करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के उद्देश्य’ से सीडीसी सरकार की आंकड़े एकत्रित करने की पारम्परिक प्रक्रिया से हटने को तैयार हो गया है. पिट्सबर्ग की ‘टेली ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी’ कम्पनी अब यह आंकड़े एकत्रित करेगी.
#अमेरिका में तमाम प्रतिबंधों के बावजूद लगातार बढ़ रहे हैं कोविड-19 के मामले
कोरोना वायरय के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अरिजोना, टेक्सास, फ्लोरिडा में एक दिन में कुल 25,000 नए मामले सामने आए हैं. मास्क पहनने की अनिवार्यता, लॉकडाउन, चिकित्सकीय जांच और पृथक रहने के आदेश बताते हैं कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और हालात उतनी जल्दी सामान्य होने की संभावना नहीं है, जिसका कुछ सप्ताह पहले कई नेताओं ने अंदाजा लगाया था. अलबामा में कोविड-19 से एक दिन में 40 लोगों की जान जाने के बाद मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया. टेक्सास में बुधवार को संक्रमण के रिकॉर्ड 10,800 नए मामले सामने आए, जहां रिपब्लिकन गवर्नर ग्रेग अबॉट लगातार मुंह ढकने पर जोर दे रहे हैं ताकि एक और लॉकडाउन से बचा जा सके.
वहीं न्यूयॉर्क में गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने वायरस से निपटने के उपाय और कठोर कर दिए हैं. उन्होंने 22 राज्यों की सूची जारी है, जहां से यहां आने वाले लोगों को 14 दिन के लिए पृथक रहना अनिवार्य होगा. इन राज्यों से आने वाले लोगों के ‘ट्रेसिंग फॉर्म’ ना भरने पर 2,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगेगा और अनिवार्य रूप से पृथक रहना होगा. देश में सामान्य गतिविधियां बहाल करने की योजना का समर्थन करने वाले ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टीट ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने की घोषणा की है और वह घर पर ही पृथक रहेंगे. कोविड-19 की चपेट में आने की घोषणा करने वाले वह पहले अमेरिकी गवर्नर हैं. स्टीट आम तौर पर मास्क अनिवार्य करने का विरोध करते रहे हैं और खुद भी वह बहुत कम ऐसा हुआ जब मास्क पहने नजर आए हों. ओक्लाहोमा के स्वास्थ्य कमिश्नर डॉ. लैंस फ्रे ने कहा कि वह (स्टीट) किसके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए, इसका पता नहीं चल पाया है. वहीं फ्लोरिडा में बुधवार को 10,181 नए मामले सामने आने के बाद कुल मामले 3,00,000 हो गए और वहां रोजाना मरने वालों की दर भी लगातार बढ़ रही है.
#दुनिया के सारे देशों तक टीके की आपूर्ति की योजना में 150 से अधिक देश शामिल
कोरोना वायरस के संभावित टीके की आपूर्ति दुनिया के सारे देशों में समान रूप से सुनिश्चित करने के मकसद से शुरू किए गए एक अभियान में 70 से अधिक धनवान देश जुड़ गए हैं. अभियान के तहत संपन्न देश अपने नागरिकों के लिए भी अधिक टीकों का भंडार जमा कर सकते हैं. टीका बनाने के लिए बने गठजोड़ ‘गावी’ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 75 देशों ने कहा है कि वे कम आय वाले ऐसे 90 अन्य देशों के साथ उसकी नयी ‘कोवेक्स फेसिलिटी’ से जुडेंगे जिन्हें टीके मिलने की आस है. एपी ने इस सप्ताह खबर प्रकाशित की थी कि गावी की पहल से अमीर देश अपने खुद के लिए कोरोना वायरस टीकों की आपूर्ति कर सकते हैं वहीं कुछ टीके अधिक संवेदनशील आबादी वाले देशों के लिए रख सकते हैं.
गावी के सीईओ सेथ बर्कले ने एक बयान में कहा, ‘अनेक देश, चाहे वे अपने लिए टीके खरीदने की क्षमता रखते हों या उन्हें मदद की दरकार हो, उनके लिए इस मिशन का उद्देश्य है कि जरूरी टीके मिलना सुनिश्चित हो तथा इस मामले में वे पिछड़े नहीं.’ कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए विश्व भर में अनेक टीकों पर अनुसंधान चल रहा है. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश टीकों का परीक्षण सफल होने से पहले ही लाखों डोज का ऑर्डर दे चुके हैं. बर्कले ने माना कि टीकों की खरीद के संबंध में कोई प्रणाली नहीं है लेकिन गावी इस संबंध में संभावित समाधानों की दिशा में काम करने के लिए अमीर देशों से बात करेगा.