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Income Tax: माता-पिता, बच्चों और पत्नी के नाम निवेश पर ले सकते हैं कर छूट, ये 5 तरीके आएंगे काम

इनकम टैक्स में बचत करने के लिए लोग I-T एक्ट के सेक्शन 80C के तहत अधिक से अधिक निवेश करने की कोशिश करते हैं. मोदी सरकार ने I-T एक्ट के चैप्टर-VIA-B के तहत डिडक्शन क्लेम करने के लिए निवेश या भुगतान करने के लिए तारीख को बढ़ाया था, जिसमें सेक्शन 80C (LIC, PPF, NSC आदि), 80D (मेडिक्लेम), 80G (डोनेशन) शामिल हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन सेक्शन के अंदर डिडक्शन को क्लेम करने के लिए निवेश या भुगतान 31 जुलाई 2020 तक किए जा सकते हैं. अब इसमें कुछ ही दिन बचे हैं. इनकम टैक्स बचत के लिए कुछ ऐसे तरीके हैं जिनमें आप अपने माता-पिता, जीवनसाथी और बच्चे भी मदद ले सकते हैं.

बच्चों की स्कूल फीस

आप सेक्शन 80C के तहत अपने बच्चों की ट्यूशन फीस के लिए 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. आप इसका फायदा बच्चों की स्कूल फीस के भुगतान पर ले सकते हैं. इसे दो बच्चों तक के लिए लिया जा सकता है. आप सुकन्या समृद्धि योजना में भी दो बच्चों तक के लिए निवेश इसी सेक्शन के तहत फायदा ले सकते हैं.

माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस

अपने जीवनसाथी, बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने पर भी आप टैक्स बचा सकते हैं. इसमें सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. माता-पिता के लिए प्रीमियम का भुगतान करके आपको अतिरिक्त डिडक्शन मिल जाएगा. अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं, तो आप 50,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

एजुकेशन लोन

अपने बच्चों के लिए लिए गए एजुकेशन लोन के लिए आप सेक्शन 80E के तहत टैक्स डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं. बच्चे की उच्च शिक्षा के खर्च के लिए बैंक से एजुकेशन लोन ले सकते हैं.

अपने माता-पिता को किराये का भुगतान करें

अगर आप माता-पिता के घर में रहते हैं, तो टैक्स डिडक्शन के लिए उन्हें किराये का भुगतान कर सकते हैं. टैक्स डिडक्शन का HRA छूट बेनेफिट के तौर पर फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए घर का स्वामित्व माता-पिता के पास होना चाहिए और आप उनके साथ भागीदार नहीं हो सकते. अगर आपको HRA बेनेफिट नहीं मिलता, तो आप सेक्शन 80GG के तहत टैक्स बेनेफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं.

अपने माता-पिता के नाम पर निवेश करें

टैक्स बचत के लिए आप अपने माता-पिता को कुछ पैसे तोहफे में दे सकते हैं. आप अपने माचा-पिता के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट खोल सकते हैं. अगर वे आपके मुकाबले कम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो एफडी पर भुगतान किए जाना वाला ब्याज आपके मुकाबले कम रहेगा. अगर आप अपने नाम पर वही एफडी खोलेंगे, तो आपको ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा.

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