नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड अपने कर्मचारियों (Railway Employees) द्वारा दिए गए 20 इनोवेशन आइडिया को अपनाएगा ताकि ट्रेन यात्रा को पहले से अधिक सुरक्षित और अरामदायक बनाया जा सके. इसमें ट्रेन चलने से 2 मिनट पहले वॉर्निंग बेल, कोच के अंदर रियल-टाइम CCTV मॉनिटरिंग, मोबाइल ऐप के जरिए गैर-आरक्षित टिकटों की प्रिंटिंग जैसे कुछ कदम शामिल हैं. रेलवे ने साल 2018 में डेडिकेटेड पोर्टल लॉन्च किया था, जिसमें सभी ज़ोन के कर्मचारी बेस्ट आइडिया साझा कर सकें और फिर इसे लागू करने पर विचार किया जाए.
सभी ज़ोनल रेलवे ने दिए 2645 इनोवेशन आइडिया
इसके बाद से सभी ज़ोनल रेलवे (Zonal Railway) ने इस वेब पोर्टल पर अपने तरफ से एंट्रीज डाली हैं. सितंबर 2018 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच इस पोर्टल पर कुल 2,645 एंट्रीज भरी गई थी. इन्हीं एंट्रीज में से रेलवे बोर्ड ने 20 आइडिया को चिन्हित किया है, जिसे सभी रेलवे नेटवर्क में लागू किया जाएगा. 10 जुलाई को रेलवे बोर्ड ने इस बारे में आदेश जारी किया है.
सभी ज़ोन के रेलवे मैनेजर्स को आदेश जारी
एक अधिकारी के मुताबिक, सभी ज़ोन के रेलवे मैनेजर्स (Zonal Railway Managers) को इस बारे में आदेश जारी किया गया है और साथ प्रोडक्शन यूनिट (Railway Production Units) को भी इन्हें लागू करने के बारे में आदेश दिया गया है. इन 20 इनोवेशंस में से अधिकतर तकनीकी बदलाव हैं, ताकि सुरक्षा को पहले से ज्यादा बढ़ाया जा सके.
क्या इनमें से कुछ बेहतरीन आइडिया
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (North Central Railway) ने एक वेहिकुलर सिस्टम तैयार किया है ताकि पटरियों की गड़बड़ियों अल्ट्रासोनिक तकनीक से पकड़ा जा सके. अभी तक यह काम मैनुअल तरीके से किया जाता रहा है. वहीं, ईस्टर्न रेलवे के मालदा डिविजन ने ट्रक्स की स्पीड और तापमान के बारे में पता करने के लिए पाइरोमीटर (Pyrometer) की मदद लेने का आइडिया दिया है. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के इलाहाबाद डिविजन (Allahabad Division) के कैरिएज व वैगन डिपार्टमेंट (Carriage and Wagon Department) ने हॉट एक्सेल बॉक्स के लिए एक डिटेक्टर तैयार किया है.
पैसेंजर्स की सुविधा का भी ख्याल
पैसेंजर की सुविधा के लिए भी कुछ इनोवेशन शामिल किया गया है. वेस्टर्न रेलवे (Western Railway) ने नैचुरल वॉटर कूलर (Natural Water Cooler) तैयार किया है, जिसमें इलेक्ट्रिक खपत नहीं होगी. प्रत्येक वॉटर कूलर्स की कीमत 1.25 लाख रुपये और यह 10 साल तक चल सकता है. यह सिस्टम हीट ट्रांसफर के सिद्धांत पर काम करता है, जहां पानी को कॉपर कॉइल से गुजारा जाता है. इस कॉपर कॉइल को कूलिंग फैब्रिक से ढका जाता है, जिसमें वाटर ड्रिपिंग सिस्टम भी लगा है. इन कूलर्स को बोरीवली, दहानू रोड, नन्दरबार, उधाना और बांद्रा रेलवे स्टेशन पर इंस्टॉल किया गया है.
इलाहाबाद डिविजन ने एक बेल सिस्टम तैया किया है, जो प्लेटफॉर्म आने से पहले पैसेंजर्स को अलर्ट करेगा ताकि ट्रेन चलने से 2 मिनट के अंदर अपनी जगह पर बैठ जाएं. इसे इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर इंस्टॉल भी किया जा चुका है. इन इनोवेशंस की लिस्ट में रियल टाइम CCTV फूटेज का भी आइडिया है. बता दें कि पहले से ही हमसफर ट्रेनों के कोच में CCTV कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन इन्हें रियल-टाइम में मॉनिटर नहीं किया जाता है