नींद (Sleep) व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. कई लोगों को शिकायत होती है कि उन्हें अच्छी तरह नींद नहीं आती, वे 7 घंटे की नींद भी नहीं ले पाते हैं. वयस्क के लिए 7 से 9 घंटे की नींद जरूरी है और इससे कम समय के लिए रोजाना सो रहे हैं तो यह चिंता का विषय है. लेकिन परेशानी का सबब वह भी है, जब कोई व्यक्ति रोजाना बहुत ज्यादा नींद ले रहा हो. पर्याप्त नींद न लेने की तरह ज्यादा नींद लेना भी अच्छे स्वास्थ्य में रुकावट डाल सकता है और यह किसी तरह के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का संकेत हो सकता है. लोग ओवरस्लीपिंग यानी ज्यादा समय सोने को अनदेखा कर देते हैं और सोचते हैं कि ज्यादा घंटों तक काम करने के कारण ऐसा हो रहा है. हालांकि, ज्यादा समय सोने के मुख्य कारण की तलाश करना जरूरी है और यह भी कि 10-12 घंटे की नींद के बाद भी थका हुआ, क्यों महसूस करते हैं. इसका मुख्य कारण हाइपरसोमनिया हो सकता है.
myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि हाइपरसोमनिया यानी अधिक नींद आना एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को इतनी नींद आती है कि वह दिन के समय भी जागकर नहीं बिता सकता है. इस समस्या से पीड़ित लोग 24 घंटे में से 9 घंटे से भी ज्यादा समय सोकर बिताते हैं. इसके अलावा रात को जो लोग ठीक से नहीं सो पाते हैं, वे भी दिन के समय ज्यादा सोते हैं. यदि हाइपरसोमनिया या नींद से जुड़ी समस्या नहीं है तो स्वास्थ्य संबंधी किसी अन्य दिक्कत का संकेत हो सकता है.
डिप्रेशन के शिकार कुछ लोग इनसोमनिया (कम नींद) का अनुभव करते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हाइपरसोमनिया से पीड़ित होते हैं. इसलिए अगर इस बारे में जानकारी नहीं है कि डिप्रेशन है या नहीं तो बेहतर होगा कि तत्काल इलाज करवाएं.
दिल से जुड़ी बीमारी
दिन के समय भी नींद का एहसास होने सहित ज्यादा सोना दिल से संबंधित बीमारियों का संकेत हो सकता है. लगभग 70 हजार महिलाओं पर हुए नर्सेस हेल्थ स्टडी के मुताबिक, जो महिलाएं रोजाना रात 9 से 11 घंटे सोती थीं, उनमें 8 घंटे सोने वाली महिलाओं की तुलना में हृदय रोग होने की आशंका 38 प्रतिशत अधिक थी.
थायराइड की जांच करवाएं
हाइपोथायरायडिज्म (यानी शायराइड कम होना) दिन में 10 घंटे से ज्यादा समय के लिए सोने से संबंध रखता है. इसके कारण दिन के समय थकान और नींद आती है. हाइपोथायराइडिज्म के शिकार लोग 7 से 9 घंटे की नींद के बाद भी थका हुआ महसूस करते हैं. अगर जरूरत से ज्यादा सो रहे हैं तो एक बार थायराइड की जांच करवाएं. myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही का कहना है कि यह तब होता है जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बना पाती है.
किसी खास मौसम के दौरान अधिक सोना
एक विशिष्ट मौसम के दौरान अधिक सोना आम है और विकार को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी एसएडी (मौसम के कारण ज्यादा सोना) के रूप में भी जाना जाता है. एसएडी में सर्दियों की शुरुआत के दौरान ज्यादा नींद की प्रवृत्ति होती है, जिसे शीतकालीन अवसाद के रूप में भी जाना जाता है. बहरहाल, सामान्य अवस्था में ज्यादा नींद आ रही है और लंबे समय तक यह स्थिति बनी हुई है तो नजरअंदाज न करें, डॉक्टर को दिखाएं