कोरोना वायरस (Corona virus) आने के कुछ ही दिनों बाद ही इस बात को लेकर बहस शुरू हो गई थी कि विटीमिन डी (vitamin D) इस वायरस को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना था कि यह कोरोना वायरस को रोकने के मामले में नगण्य है. इस पर आयरिश शोधकर्ताओं (Irish Researchers) के एक अध्ययन किया है. इस अध्ययन में सामने आया है कि कोविड-19 से विटामिन डी के स्तर और मृत्यु दर के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है. ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के वैज्ञानिकों का कहना है कि विटामिन डी कई माध्यमों से सार्स-सीओवी-2 से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद कर सकता है. इस अध्ययन को आयरिश मेडिकल जर्नल ने प्रकाशित किया है.
हाल के कुछ अन्य अध्ययन में भी वायरल संक्रमण में विटामिन डी की भूमिका की पुष्टि हुई है. हालांकि, कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि कोविड-19 को रोकने या इसके इलाज के लिए विटामिन डी की उच्च खुराक नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे अवांछित परिणाम भी हो सकते हैं.
myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही बताते हैं कि विटामिन डी हड्डी और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. हड्डियों के स्वास्थ्य से लेकर कैल्शियम के अवशोषण, कोशिकाओं के विकास में मदद और सूजन को कम करने आदि के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है.
myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने पर शरीर खुद ही कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी बनाता है.
साइटोकाइन इम्यून सिस्टम को करता है प्रभावित
शोध में विटामिन डी के स्तर और साइटोकाइन में सीधा संबंध देखने को मिला है. वहीं इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने में साइटोकाइन सिग्नलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. साइटोकाइन सूक्ष्म प्रोटीनों का एक बड़ा समूह है, जिसे कोशिकाएं संकेत देने के लिए उपयोग में लाती हैं. अगर साइटोकाइन के कारण इम्यून सिस्टम ज्यादा प्रतिक्रिया देने लगे तो जानलेवा स्थिति हो सकती है. हालांकि, वर्तमान में परीक्षणों से कोई नतीजा नहीं निकला है, जिससे यह साबित हो सके कि विटामिन डी का स्तर कोविड-19 के नतीजों को बेहतर बनाने में मदद करता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी और कोविड-19 प्रतिक्रियाओं की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विटामिन डी का सेवन बढ़ाने से निश्चित रूप से समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभ होगा और इम्यून सिस्टम पर असर होगा, लेकिन यह विटामिन बीमारी को ठीक करने में कोई भूमिका नहीं निभाता है.
एक लैंसेट पेपर का कहना है कि विभिन्न देशों में महामारी की मृत्यु दर के संभावित कारणों में से एक विटामिन डी की कमी है. एजिंग क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन कहता है कि इटली और स्पेन में औसत विटामिन डी का स्तर कम है. इन दोनों देशों में कोरोना वायरस की उच्च मृत्यु दर देखी गई है.
विटामिन डी की कमी से हो सकती हैं ये बीमारियां
विटामिन डी सामान्य रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी की खुराक बुजुर्गों में मृत्यु दर को कम कर सकती है, जिन्हें कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के विकास का जोखिम ज्यादा है. विटामिन डी की कमी वाले लोग संक्रमण और इम्यून संबंधी विकारों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं. इस विटामिन में कमी से टीबी, अस्थमा और फेफड़े की बीमारी सहित कई श्वसन रोगों का खतरा बढ़ सकता है.