नई दिल्लीः कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक और वैक्सीन आ गई है, जिसमें रेमडेसिविर (Remdesivir) के जेनेरिक वर्जन को भारतीय कंपनी ने बुधवार को लॉन्च कर दिया. इस दवा की कीमत काफी कम रखी गई है, ताकि मरीजों को इलाज कराने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.
देश की जानी-मानी फार्मा कंपनी सिप्ला (Cipla) ने कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा का अपना वर्जन मार्केट में लॉन्च किया है. इस दवा को पहले से लॉन्च सीपेमी का वर्जन ही माना जा रहा है. कंपनी ने 100 mg के वाइल की कीमत 4 हजार रुपये रखी है. रेमडेसिविर एक मात्र दवा है, जिसे यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दी है.
सिप्ला के सीईओ और एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट निखिल चोपड़ा ने बताया कि कंपनी शुरुआत में 80 हजार दवा की सप्लाई पूरे देश में करेगी. फिलहाल ये दवा केवल सरकारी और निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी. पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई वैक्सीन में सिप्ला की सबसे सस्ती दवा है.
सिप्ला ने मुंबई की BDR फार्मा से मैनुफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट किया है. बदले में BDR फार्मा ने फिनिश्ड डोसेज और पैकेजिंग के लिए सोवरेन फार्मा से डील की है. सिप्ला के सीएफओ के मुताबिक, दवा को एक-दो दिन में लॉन्च करने की तैयारी है. हालांकि कितनी डोज तैयार है, इसपर उन्होंने कुछ नहीं कहा. रिपोर्ट के मुताबिक, सिप्ला अपनी दवा को Cipremi नाम से करीब 4,000 रुपये प्रति वॉयल की दर से बेचेगी. यानी यह हेटरो ग्रुप के मुकाबले करीब 1,400 रुपये सस्ती होगी.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से अप्रूवल मिलने के बाद हेटरो ग्रुप ने Covifor नाम से दवा बनानी और बेचनी शुरू की है. अभी तक सिर्फ उसी की दवाएं सप्लाई हो रही हैं. कंपनी ने एक वॉयल की कीमत 5,400 रुपये रखी है. अभी तक सिर्फ 20 हजार वॉयल ही सप्लाई किए जा सके हैं. सिप्ला के इस ऐलान से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि रेमडेसिविर की डिमांड बढ़ती जा रही है. इस दवा को मॉडरेट से सीरियस कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल का अप्रूवल मिला है.
मई में दिया था सिप्ला को लाइसेंस
गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिविर के मैनुफैक्चरिंग और मार्केटिंग के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस समझौता किया था. सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से इस दवा के इमरजेंसी की स्थिति में देने की मंजूरी मिल गई है.
कंपनी ने एक बयान में बताया कि रिस्क मैनेजमेंट स्कीम के तहत सिप्ला दवा के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देगी और मरीज की सहमति के डॉक्यूमेंट की जांच करेगी तथा मार्केटिंग के बाद पूरी निगरानी रखने के साथ ही भारतीय मरीजों पर चौथे चरण का मेडिकल ट्रायल भी करेगी.