परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड एक जरूरी डाक्यूमेंट है. बैंक अकाउंट खुलवाने से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग तक का काम बिना पैन कार्ड नहीं हो सकता. ऐसे में इसे बनवाना जरूरत भी है और पारदर्शिता रखने के लिए बेहतर भी. इसे बनवाने का प्रक्रिया न ही जटिल है और न ही महंगी. आप इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं और कुछ ही दिनों में पैन बनकर आ जाता है.
पैन कार्ड के बिना जो काम नहीं किए जा सकते हैं, वो इस तरह हैं:
- बैंक अकाउंट खोलने, फिक्स डिपॉजिट करवाने और डीमैट एकाउंट खोलना
- बैंक में एक बार में 50 हजार रुपये या उससे ऊपर कैश जमा कराना
- विदेश यात्रा के लिए हवाई टिकट बुक कराना.
- प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री.
- गाड़ी की खरीद या बिक्री.
- होटल या रेस्टोरेंट में एक बार में 50,000 रुपये से अधिक का कैश पेमेंट
- शेयर, बॉन्ड या डिबेंचर खरीद और 50,000 रुपये से ज्यादा के म्यूचुअल फंड की खरीद
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग
- रुपये को विदेशी करेंसी में कन्वर्ट कराना
- बच्चों की पढ़ाई के लिए विदेश पैसे भेजने के लिए
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, पैन को बनवाने के लिए NSDL के पोर्टल
https://tin.tin.nsdl.com/pan/index.html या UTITSL के पोर्टल https://www.utiitsl.com/UTIITSL_SITE/pan/index.html से अप्लाई किया जा सकता है. इन दोनों साइट्स के अलावा कोई भी अन्य साइट पैन कार्ड से जुड़ी प्रोसेस के लिए ऑथराइज्ड नहीं है. पैन कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए 93 रुपये (जीएसटी शामिल नहीं है) भारतीय के लिए और 864 रुपये (जीएसटी शामिल नहीं) विदेशी के लिए है. ऐप्लीकेशन फीस का भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड, डिमांड ड्राफ्ट या नेट बैंकिंग के लिए जरिए किया जा सकता है.