नई दिल्लीः केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 7वें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी मिलती है. हालांकि आपको पता होना चाहिए कि सैलरी की गणना में बेसिक सैलरी का बहुत बड़ा हाथ होता है. केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी को एक निश्चित राशि हर माह देनी ही होती है, जिसको बेसिक सैलरी कहा जाता है. प्रत्येक ग्रुप के लिए अलग-अलग बेसिक सैलरी है.
बेसिक सैलरी की गणना के बाद ही कर्मचारियों के अन्य भत्ते जैसे कि DA, TA और HRA की गणना होती है. वहीं इसी आधार पर कर्मचारियों का पीएफ, एनपीएस और ग्रेच्यूटी की सीमा भी तय होती है. सरकार केवल और केवल बेसिक सैलरी को ही तय करती है. इसके बाद मिलने वाले भत्तों की गणना बेसिक सैलरी के प्रतिशत के आधार पर तय होती है.
फिलहाल इतनी है न्यूनतम बेसिक सैलरी
7वें वेतन आयोग के अनुसार फिलहाल न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है. यह सबसे नीचे के समूह के कर्मचारियों जैसे कि चपरासी, सफाईकर्मी को मिलती है. वहीं ग्रेड ए की बेसिक सेलरी 56,100 रुपये प्रति महीना है. ग्रुप सी के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 35,400 रुपये प्रति महीना है.
टैक्स भी लगता है ज्यादा
जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ही ज्यादा होती है, उनको टैक्स भी ज्यादा देना होता है. वहीं इसके साथ ही उनके पीएफ खाते में जमा होने वाली राशि और ग्रेच्युटी पर भी असर देखने को मिलता है.