I-T Refund: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने आठ अप्रैल से 30 जून के दौरान 20 लाख से अधिक करदाताओं को 62,361 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया है. इसमें 19.07 लाख करदाताओं को 23,453.57 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (PIT) रिफंड जारी किया गया. वहीं इस अवधि में 1.36 लाख कॉरपोरेट करदाताओं को 38,908.37 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया.
शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि आठ अप्रैल से 30 जून तक आयकर विभाग ने प्रति मिनट 76 मामलों में रिफंड जारी किया. इस अवधि में 56 कार्यदिवसों में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 20.44 लाख से अधिक मामलों में 62,361 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया. बयान में कहा गया कि यह रिफंड सीधे करदाताओं के बैंक खातों में जमा कराया गया. किसी भी करदाता को रिफंड जारी करने का आग्रह नहीं करना पड़ा.
करदाता तुरंत दें ईमेल का जवाब
सीबीडीटी ने करदाताओं से कहा है कि वे विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब तुरंत दें जिससें उनके मामलों में कर रिफंड तेजी से जारी किया जा सके. आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है. विभाग ने आठ अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर उसने पांच लाख रुपये तक के आयकर रिफंड तत्काल जारी करने का फैसला किया है.
ऐसे चेक करें रिफंड का स्टेटस
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और इसके वेरिफिकेशन के बाद जब इसे सबमिट किया जाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसकी जांच-पड़ताल करना शुरू कर देता है. अगर आपका क्लेम स्वीकार हुआ तो इसके बाद रिफंड अमाउंट इंटरेस्ट के साथ सीधे आपके बैंक अकाउंट या चेक के द्वारा आपको लौटा दिया जाता है. हालांकि आईटीआर की प्रोसेसिंग में कुछ वक्त लगता है.
- टैक्स डिपार्टमेंट बेवसाइट पर ‘डैशबोर्ड’ पर दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद ‘व्यू रिटर्न एंड फॉर्म’ पर क्लिक करें. क्लिक करने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न के पेज पर जाने के लिए, ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ पर क्लिक करें. इनकम टैक्स रिटर्न के पेज पर जाने के बाद आपको आपको नजर आएगा कि या तो आपकी ITR प्रोसेस्ड हो चुकी है या वेरिफाइड या वेरिफिकेशन के लिए पेंडिंग है.
- अगर ये दिखाता है कि आपकी ITR अभी तक वेरिफाई नहीं हुई है तो अपने आधार की मदद से दोबारा वेरिफाई करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं या फिर साइन की हुई ITR-V फॉर्म को इंडियन पोस्ट ऑफिस की आम पोस्ट या फिर स्पीड पोस्ट से इनकम टैक्स सीपीसी ऑफिस में भेज दें.
- जब तक सक्सेसफुली वेरिफाइड लिखा ना आ जाए. तब तक आपको अपने रिफंड लौटने का इंतजार करना पड़ेगा.
- अगर आपको आईटीआर नहीं प्रोसेस हुआ है तो टैक्सपेयर CPC या एसेसिंग अधिकारी को शिकायत याचिका दाखिल कर सकता है. इस याचिका की मदद से टैक्सपेयर्र टैक्स डिपार्टमेंट से यह अनुरोध कर सकता है कि उसके आईटीआर प्रोसेसिंग तेजी की जाए.
बैंक अकाउंट में चेक करें रिफंड
- अगर ITR प्रोसेस्ड हो चुकी है तो, ‘एकनॉलेजमेंट नंबर’ पर क्लिक कर जान सकते हैं कि आपको रिफंड मिला या नहीं. अगर रिफंड दे दिया गया है तो उसमें किस मोड से पेमेंट की गई है, लिखा होगा. अगर मोड ऑफ पेमेंट ECS है तो अपने बैंक की पासबुक को अपडेट करके चेक करें कि आपके खाते में रिफंड आया या नहीं.
- अगर भुगतान का मोड चेक के माध्यम से है और इसे कुछ हफ्तों से पहले जारी किया गया था, तो आपको चेक करना होगा कि चेक वापस तो नहीं हो गया. अगर चेक की डिलीवर नहीं हुई तो आपके पते को अपडेट करने और चेक को फिर से जारी करने के लिए एक लिंक दिया जाएगा. अगर पहले दिए गए एड्रेस में कोई गलती थी या आपने एड्रेस बदला है तो चेक को फिर से जारी करने और डिलीवर करने के लिए नया या सही एड्रेस आपको दर्ज करना होगा.
- एक बार ITR प्रोसेस्ड हो जाने के बाद, आप TIN NSDL वेबसाइट के ‘इनकम टैक्स रिफंड्स’ में अपना पैन और असेसमेंट ईयर भरने के बाद अपने रिफंड की स्थिति भी देख सकते हैं.