राशन कार्ड (Ration Card) एक स्वैच्छिक दस्तावेज है. इसे बनवाना हर नागरिक के लिए अनिवार्य नहीं है. राशन कार्ड वैसे तो एक सरकारी डॉक्युमेंट है, जिसकी मदद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत उचित दर की दुकानों से गेहूं, चावल आदि को बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं. लेकिन राशन कार्ड का इस्तेमाल कई जगहों पर पहचान प्रमाण (ID Proof) या पते के प्रमाण (Address Proof) के तौर पर भी होता है. यह नागरिक के वित्तीय स्टेटस को भी दर्शाता है.
भारत में राशन कार्ड ID प्रूफ या एड्रेस प्रूफ या दोनों के रूप में कई कामों के लिए इस्तेमाल हो सकता है. उदाहरण के तौर पर…
- बैंक अकाउंट खोलने में
- स्कूल-कॉलेज में
- LPG कनेक्शन लेने में
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में
- सरकारी दस्तावेज जैसे निवास स्थान का प्रमाणपत्र बनवाने में
- वोटर आईडी बनवाने में
- सिम कार्ड खरीदने में
- पासपोर्ट बनवाने में
- लाइफ इंश्योरेंस करवाने में
- लैंडलाइन कनेक्शन/ब्रांडबैंड या वाईफाई लगवाने में
- आधार कार्ड बनवाने में या उसकी डिटेल्स के अपडेशन में
- पैन बनवाने में
कौन बनवा सकता है राशन कार्ड
राशन कार्ड हर किसी का नहीं बन सकता. यह एक निश्चित आयवर्ग के लिए ही होता है, जिसकी सीमा अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है. आम तौर पर 3 प्रकार के राशन कार्ड होते हैं- गरीबी रेखा के ऊपर (APL), गरीबी रेखा के नीचे (BPL) और अन्त्योदय परिवारों के लिए. अंत्योदय कैटेगरी में बेहद ज्यादा गरीब लोग रखे जाते हैं. राशन कार्ड बनवाने के लिए कॉमन पात्रता शर्तें इस तरह हैं…
- राशन कार्ड बनवाने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना अनिवार्य है.
- व्यक्ति के पास किसी अन्य राज्य का राशन कार्ड नहीं होना चाहिए.
- जिसके नाम पर राशन कार्ड बन रहा है, उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों का नाम माता-पिता के राशन कार्ड में शामिल किया जाता है.
- एक परिवार में परिवार के मुखिया के नाम पर राशन कार्ड होता है.
- राशन कार्ड में जिन सदस्यों को शामिल किया जा रहा है, उनका परिवार के मुखिया से नजदीकी संबंध होना जरूरी है.
- परिवार के किसी भी सदस्य का उससे पहले से कोई भी राशन कार्ड में नाम नहीं होना चाहिए.