बजट 2020 में आयकरदाताओं के लिए नए वैकल्पिक टैक्स स्लैब्स की घोषणा की गई थी. इनके तहत आयकर की दरें कम हैं. बजट 2020 में एलान किया गया कि करदाता चाहे तो पुराने टैक्स रेट और नए टैक्स रेट में चुनाव कर सकता है. लेकिन इसके साथ यह शर्त रखी गई कि नए वैकल्पिक टैक्स स्लैब का फायदा उठाने वालों को आयकर कानून के चैप्टर VI-A के तहत मिलने वाले टैक्स डिडक्शन और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं मिलेगा.
लेकिन अब केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस एलान में कुछ बदलाव किया है. संशोधन के तहत अब नए वैकल्पिक इनकम टैक्स स्लैब्स को चुनने वाले सैलरीड टैक्सपेयर्स चुनिंदा मामलों में टैक्स एग्जेंप्शन यानी छूट का फायदा ले सकते हैं. इन चुनिंदा मामलों में यात्रा या ट्रांसफर के मामले में एंप्लॉयर द्वारा आने-जाने के खर्च के लिए दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल हैं. इनके अलावा यदि एंप्लॉयर नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिए दिए जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है.
वैकल्पिक टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में जो वैकल्पिक इनकम टैक्स स्लैब्स घोषित किए, वे इस तरह हैं…
सालाना आय | टैक्स रेट |
0 से 2.5 लाख रु तक | 0% |
2.5 लाख से 5 लाख रु तक | 5% |
5 लाख से 7.50 लाख रु तक | 10% |
7.50 लाख से 10 लाख रु तक | 15% |
10 लाख से 12.50 लाख रु तक | 20% |
12.50 लाख से 15 लाख रु तक | 25% |
15 लाख रु से ज्यादा | 30% |