नई दिल्ली. सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते (Conveyance Allowance) पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दे दी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिये आयकर नियमों में बदलाव किया है. सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं. इन चुनिंदा मामलों में यात्रा या स्थानांतरण (Travel on Tour or on transfer) के मामले में आने-जाने के खर्च के लिये दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिये दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है. इनके अलावा यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिये दिये जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट (Income Tax Exemption) का दावा किया जा सकता है.
सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा पेड वाउचर (paid voucher) के माध्यम से मुफ्त भोजन (free food) और गैर-मादक पेय (non-alcoholic beverage) के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं.
नया टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को इनकम टैक्स की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नयी टैक्स इनकम टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव किया था. इसके तहत 2.5 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कर से छूट मिलती है. जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक कमाते हैं, उन्हें 5 प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करना होगा.
इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपए के बीच की आय पर 10 फीसदी, 7.5 से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपए सालाना कमाने वालों पर 20 फीसदी, 12.5 रुपए से 15 लाख रुपए की सालाना कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. नयी टैक्सि व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिये है, जो कुछ निर्दिष्ट कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं.