नई दिल्ली. टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने गुरुवार को एक चैनल सेलेक्टर ऐप (Channel Selector App) लॉन्च किया है. इस ऐप की मदद से ग्राहक अपने टीवी सब्सक्रिप्शन (TV Subscription) को देख सकेंगे और अपने रुचि के अनुसार चैनल चुन सकेंगे. चैनल सेलेक्टर ऐप के जरिए वो उन चैनलों को भी हटा सकेंगे, जिन्हें वो नहीं देखना चाहते हैं.
ट्राई ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को लेकर नया टैरिफ निर्देश जारी करने के बाद यह देखा जा रहा था कि ग्राहकों को अपने डिस्ट्रिब्यूटेड प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPO) के वेब पोर्टल व ऐप के जरिए अपने पसंद के चैनल चुनने में परेशानी हो रही थी.
जल्द जुड़ेंगे अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स
इसी को देखते हुए ट्राई ने इस ऐप को डेवलप करने का फैसला लिया, जो डीपीओ से डेटा प्राप्त करेगा. वर्तमान में यह चैनल सेलेक्टर ऐप प्रमुख डीटीएच ऑपरेटर्स (DTH Operators) और मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (MSO – Multi-System Operators) के साथ काम कर रहा है. हालांकि, ट्राई ने यह भी कहा कि इस सुविधा को अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ भी जोड़ा जाएगा.
>> रेग्युलेटर ने कहा कि उसने टीवी चैनल सेलेक्टर ऐप को डेवलप किया है ताकि ग्राहकों को पारदर्शी एवं विश्वसनीय सिस्टम के जरिए टीवी चैनल सेलेक्ट करने का मौका मिले. इस प्रक्रिया के लिए सब्सक्राइबर्स के चयन को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए ऑथेन्टिकेट किया जाएगा.
>> अगर किसी सब्सक्राइबर ने अपने DPO के साथ मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं कराया है तो उन्हें टीवी स्क्रीन पर OTP भेजा जाएगा.
>> ग्राहक इस ऐप के जरिए अपने पसंदीदा चैनल को मौजूदा दर या उससे कम पर ही चुन सकेंगे. उनके पास मौका होगा कि वो अपने मौजूदा सब्सक्रिप्शन में बदलाव करें और अपनी सब्सक्रिप्शन रिक्वेस्ट का रियल टाइम स्टेटस चेक कर सकेंगे.
>> ट्राई का चैनल सेलेक्टर ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है.
>> इस ऐप की एक और खासियत यह भी है कि डीटीएच या केबल ऑपरेटर्स को रिक्वेस्ट भेजने से पहले ग्राहक अपने सेलेक्शन को ऑप्टिमाइज कर सकेंगे ताकि उन्हें खर्च किए गए पैसे में सबसे बेहतर चैनल की सुविधा मिल सके.
बता दें कि ट्राई ने मार्च 2017 में ही ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल सर्विस को लेकर नए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क को अधिसूचित किया था. इस नए फ्रेमवर्क को 29 दिसंबर 2018 से लागू भी कर दिया गया. इसके तहत ग्राहकों को यह छूट मिलती है कि वो अपने हिसाब से केवल उन्हीं चैनल्स को सब्सक्राइब कर सकते हैं जो वो देखना चाहते हैं.