वर्कप्लेस बुलिंग (Workplace Bullying) : वर्कप्लेस पर कई बार प्रतिस्पर्धी, मुश्किल हालातों और वर्कप्लेस बुलिंग के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है. वर्कप्लेस पर कई बार ऐसा होता है जब कोइ साथी ही आपने अंतर्मन को काफी ठेस पहुंचाता, आपको कम आंकता है, इससे कई बार काम करने की सामान्य क्षमता प्रभावित होती है. कई बार ऐसे मामलों में लोग ऑफिस या जॉब छोड़ने तक का मन बना लेते हैं. आइए टीओआई पर छपी रिपोर्ट के हवाले से जानते हैं कि वर्कप्लेस बुलिंग को कैसे मैनेज किया जाए…
हालात को कमतर ना आंकें:
अक्सर बुलिंग के मामले में यह बात सामने आती है कि पीड़ित को अक्सर कम आंका जाता है. या कई बार तो उसकी बातों को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाता है. आप इस बारे में क्या महसूस करते हैं और इस सिलसिले में अपने अनुभवों पर निर्भर करें. हर बार इस मामले में दूसरों के दृष्टिकोण पर आधारित फैसले ना लें, हो सकता है उनका अनुभव आपसे अलग हो ऐसे में खुद के फैसले लें जिनमें आपको विश्वास हो.
दृष्टिकोण पर फोकस करें:
जब आप परिस्थितियों को अपने भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक अनुभव के आधार पर सोचते हैं, तो वस्तुस्थिति के दृष्टिकोण से स्थिति को देखने का प्रयास करना न भूलें. अगर आपको कोई अलग दृष्टिकोण भी व्यवहारिक समझ में आता है तो आप इसे अपने नजरिये से मैच या जज करके देख सकते हैं.
अपना अनुभव साझा करें:
अपने आप को इस बात के लिए दोष ना दें और ना ही इस बारे में हमेशा सोचते रहें. अगर आप इस ख्याल के साथ जितना ज्यादा अलग थलग और अकेले रहेंगे इससे आप उतने ही ज्यादा भावनात्मक रूप से प्रभावित होंगे. जो भी गलत हो रहा है उसे साझा करें. आप इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं.
मामले को आगे बढ़ाने में संकोच न करें:
इस बात की संभावना है कि इससे पहले भी आप वर्कप्लेस बुलिंग का शिकार हुए हों. यह भी हो सकता है कि आपके किसी सहकर्मी के अनुभव भी इस बारे में आपकी तरह ही हो या वो इस बारे में जानता हो. इस बारे में अपने बॉस को विस्तार में बताएं इसके बाद HR से भी आप इस सिलसिले में बात कर सकते हैं.