कोरोना महामारी की वजह से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड की परीक्षा स्थगित हो गई हैं. ऐसे में यह उम्मीद है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) छात्रों को स्पेशल मार्किंग स्कीम के जरिए पास कर सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर छात्र CBSE की मार्किंग स्कीम से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो साल में बाद में परीक्षा दे सकते हैं जिससे वे अपने प्रदर्शन को बेहतर कर सकें.
कुछ परीक्षाएं जो इस साल मार्च में होने वाली थीं, वे कोरोना वायरस प्रकोप की वजह से स्थगित हो गई और वे जुलाई में होनी थी. हालंकि, रिपोर्ट के मुताबिक, CBSE ने अब वैकल्पिक तरीका प्रस्तावित किया है.
परीक्षाओं को आगे स्थगित करने से छात्रों को नुकसान
कुछ सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक परीक्षाओं का संचालन करना संभव नहीं है. बोर्ड का मानना है कि अगर परीक्षाओं को आगे और स्थगित किया गया, तो यह छात्रों को नुकसान में डाल सकता है और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में उनके दाखिले को प्रभावित कर सकते हैं.
यह ध्यान देने वाली बात है कि लगभग 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जिनमें केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं, वे कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं का संचालन पहले ही कर चुके हैं.
राज्य शुरू करने वाले हैं कॉलेजों में दाखिला
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे माहौल में जब राज्यों ने अपनी स्कूल की परीक्षाएं ले चुके हैं, वे जल्द यूनिवर्सिटी / कॉलेजों के लिए दाखिले की प्रक्रिया को शुरू करेंगे और CBSE के छात्र ऐसे में अप्लाई नहीं कर पाएंगे, अगर उनकी परीक्षाएं 15 जुलाई से आगे स्थगित कर दी जाती हैं. इसलिए CBSE के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे कोई विकल्प लेकर आए जो छात्रों को नुकसान न पहुंचाए.