अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) ने यह कहा है कि GST रजिस्ट्रेशन के लिये सीमा का आकलन करते समय छूट प्राप्त आय जैसे PPF, बचत बैंक खाते तथा परिवार/दोस्तों को दिए गए कर्ज पर मिलने वाले ब्याज को कर योग्य आपूर्ति में शामिल किया जाएगा. वस्तु एवं सेवा कर कानून के तहत, कारोबारों और लोगों को अपना GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की जरूरत तब होती है, अगर उनका कुल टर्नओवर 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा होता है.
आवेदक ने क्या पूछा ?
एक व्यक्ति जो किसी कारोबार में नहीं शामिल है, उसने AAR की गुजरात बेंच में आवेदन दायर करके पूछा था कि क्या सेविंग्स अकाउंट, पीपीएफ और परिवार को दिए लोन और उधार पर मिलने वाले ब्याज को जीएसटी कानून के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए 20 लाख रुपये की सीमा को कैलकुलेट करने के उद्देश्य से देखा जाएगा.
व्यक्ति ने अपनी एप्लीकेशन में बताया था कि उसकी कुल रसीद 2018-19 में लगभग 20.12 लाख रुपये थी, जिसमें 9.84 लाख रुपये की किराये की रसीद शामिल थी. जबकि बाकी बची राशि बैंक पर ब्याज, PPF डिपॉजिट और दोस्तों, परिवारों को दिए लोन पर ब्याज था.
AAR का फैसला
AAR ने यह फैसला देते हुए कि ब्याज आय को रजिस्ट्रेशन की सीमा को कैलकुलेट करते समय शामिल किया जाएगा, कहा कि आवेदक को दोनों टैक्स योग्य सप्लाई की वैल्यू को देखना होगा जो इमूवेबल प्रॉपर्टी का किराया और डिपॉजिट, लोन आदि जिस पर ब्याज आय उसने कमाई है, उसे भी कुल टर्नओवर का पता करने के लिए देखना होगा. यह जीएसटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन लेने के लिए है.
अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) ने फैसले में कहा कि आवेदक को छूट वाली आय की वैल्यू को कुल जोड़ना होगा जिसमें पीपीएफ में डिपॉजिट और बैंक सेविंग्स डिपॉजिट और परिवारों और दोस्तों को दिए लोन के साथ टैक्स योग्य सप्लाई शामिल है.